20 April 2022
न्यूज़ नगरी
हिसार-(ब्यूरो)- टाउन पार्क के पास पीएलए में समाजसेवी रमेश चन्द गुप्ता द्वारा आयोजित संगीतमयी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आज सर्वप्रथम आचार्य मनीष शास्त्री ने मुख्य यजमान सचिन गुप्ता एवं संगीता गुप्ता द्वारा विधि-विधान से सभी देवताओं का पूजन करवाया और भागवत कथा का शुभारंभ करवाया। आचार्य बजरंग शास्त्री ने अजामिल की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि बुरे संग में होने के बाद भी अजामिल जैसे डाकू भी भगवान के नाम और संतों की कृपा से परम पद को प्राप्त कर गया। आचार्य ने बताया कि मनुष्य को जीवन में हमेशा भगवान के नाम का सुमिरन करते रहना चाहिए क्योंकि इस जीवन का पता नहीं कौन सा पल हमारे लिए आखिरी पल हो। 28 प्रकार के नरकों का वर्णन करते हुए बताया कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, वह वैसा ही फल भोगता है। आज का शुभ कर्म कल सद्भाग्य बनेगा और आज का बुरा कर्म ही कल दुर्भाग्य बनकर आयेगा। आगे की कथा में आचार्य ने गज ग्राह की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हमें कभी भी रूप, यौवन, सम्पति, शक्ति का अभिमान नहीं करना चाहिए। गज को अपनी ताकत पर अभिमान था, किन्तु उसकी ताकत और परिवार भी काम नहीं आया। अन्त में हारकर उसने नारायण को पुकारा और नारायण ने उसकी रक्षा की। व्यासजी ने भरत चरित्र, वामन चरित्र, समुन्द्र मंथन एवं सूर्यवंश की कथा में राम जन्म और राम कथा का सुंदर वर्णन किया तथा चंद्र वंश का वर्णन करते हुए आचार्य ने बताया कि जब-जब संसार में धर्म की हानि होती है और अधर्म का बढ़ावा होता है तो भगवान भिन्न-भिन्न अवतार लेकर के धरती पर आते हैं और दुष्टों का संहार करके अपने भक्तों की रक्षा करते है। कंस का कल्याण करने और सभी भक्तों को सुख देने के लिये भगवान भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी की रात्रि में वसुदेव देवकी के यहां पर कंस के कारागार में ही अवतार लेकर आये, कथा में वामन अवतार और कृष्ण जन्म की सुंदर झांकी का भी दर्शन करवाया गया। कृष्ण जन्म के अवसर पर सभी भक्तों ने झूम करके नाच करके आनंद लिया। आचार्य ने कृष्ण जन्म की बधाई के गीत सुनाये तथा भक्तों को कृष्ण जन्म की बधाई भी बांटी गई। कार्यक्रम के बारे जानकारी देते हुये सुभाष गुप्ता ने बताया की प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक भागवताचार्य पं. बजरंग शास्त्री महाराज अपने मुखारबिंद से भक्तों को भागवत कथा की गंगा मे आनंद दिलाते हैं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से तुलसी देवी, सुशील बुड़ाकिया, नरेश बुड़ाकिया, श्याम गर्ग, सुरेश चौधरी, निर्मला चौधरी, गीतांजलि देवी, रमेश अग्रवाल, एस.के. गोयंका, उषा देवी, सुरुचि देवी, रवि मेहता, बलविंद्र, विजय गावडिय़ा, श्याम बुड़ाकिया, दिनेश गर्ग, नीरज आर्य, सुरेन्द्र गर्ग, डॉ. विकास, मोहित चौधरी, विकास चौधरी, पिराग बुड़ाकिया, कांता अग्रवाल, सरोज अग्रवाल, सुरूचि गोयल, ऊषा गोयल, सरोज आर्य, डॉ. रेनू, विभोर, दिव्यम, इशिका, खुशी, कृतिका सहित सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।