क्यों नहीं खाने चाहिए?फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड बिगड़ सकती है तबियत


 30 October 2024 

न्यूज़ नगरी 

हिसार(ब्यूरो)- फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड की वजह से भले आपकी कुकिंग कितनी भी आसान क्यों न हो जाती हो, लेकिन इसका सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ये सेहत को बिगाड़कर रख सकते हैं. पहले के जमाने में लोग घर के बगीचे या आसपास के खेतों से ताजे फल और सब्जियां लाते थे, लेकिन हद से ज्यादा शहरीकरण और तकनीक के विकास के साथ फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड का चलन बढ़ा है. इसकी वजह से हर मौसम में हर तरह के भोजन खाने को मिल जाते हैं. रेडीमेड और फ्रोजन फूड आइटम्स बहुत सारे मौके पर काम आते हैं. चाहे आपके पास अचानक कोई मेहमान आ रहे हों या पकाने के लिए कोई सब्जी नहीं बची हो, सबसे आसान विकल्प फ्रीजर से उन फ्रोजन फूड्स को इस्तेमाल करना है. जिन लोगों को खाना पकाने में मुश्किल होती है, उनके लिए रेडीमेड करी, फ्रोजन समोसा, रेडी जो कुक रोटियां और कई अन्य खाद्य पदार्थ काफी काम आते हैं.

फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड खाने के नुकसान

इन दिनों इन पैक्ड फूड आइटम्स पर भरोसा करना काफी आम हो गया है जो भले ही ताजे नहीं होते, लेकिन फिर भी फ्रेश फूड्स के जैसे टेस्ट, बनावट और कलर देते हैं. अगर आपने भी अपना रेफ्रिजिरेट रेडीमेड और फ्रोजन फूड आइटम्स से भरा हुआ है तो उन्हें तुरंत फेंक देना चाहिए और कभी दोबारा ऐसा नहीं करने की कसम खानी चाहिए.

न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया खतरनाक

भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) के मुताबिक, घर का बना खाना जल्दी खराब हो जाता है और अगर हम इसे रसोई में कई दिनों तक छोड़ देते हैं तो दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है. इसके उल्ट फ्रोजन और रेडी टू ईट काफी दिनों तक इसलिए खराब नहीं होते क्योंकि इसमें प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं.

रेडीमेड फूड आइटम्स वैसे ही रहते हैं चाहे आप इसे कितने दिनों या महीनों तक स्टोर क्यों न कर लें. ऐसा इसलिए है क्योंकि पैक किए गए और फ्रोजन खाद्य पदार्थों में स्वाद और रंग को बरकरार रखने के लिए एडिटिव्स मिलाए जाते हैं जिससे इनकी शेल्फ लाइफ में इजाफा हो जाए लेकिन ये अपच, डायरिया, कैंसर, लिवर डिजीज और किडनी डिजीज का कारण बन सकते हैं.

न्यूट्रिशनिस्ट निखिल इस बात पर जो देते हैं कि ये सभी केमिकल्स हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. फूड कंपनीज अक्सर खराब गुणवत्ता वाले फैट और तेलों और ज्यादा नमक का इस्तेमाल करके इन खाद्य पदार्थों को तैयार करती हैं जो हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती हैं. असल में ये डेड फूड्स की तरह होने हैं जिनमें पोषक की भारी कमी होती है.

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