09 Nov 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-अग्रसैन भवन ट्रस्ट के सहयोग से मेरठ से पधारे डॉ. गोपाल शास्त्री के सान्निध्य में अग्रसैन भवन में आयोजित स्वास्थ्य एवं अध्यात्म प्रयोगशाला के पांचवें दिन सैंकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. गोपाल शास्त्री ने कहा कि मानव जीवन की भौतिक मांग सुख की है। मनुष्य चाहता सुख है परंतु आता दुख है। मूल में भूल हो गई क्योंकि मनुष्य सुखों को बटोर कर सुखी होना चाहता है। दुखों से भागकर दुखों से मुक्त होना चाहता है जबकि प्रकृति का नियम है कि जिसको हम खींचते हैं, वह हमसे दूर चला जाता है और जिसको फैंकते हैं, वह हमारे पास आता है। मनुष्य ही ऐसा जीव है, जो सुबह उठने से रात को सोने तक क्या खाऊं, किसको खाऊं, कितना खाऊं करता रहता है। जब मनुष्य खाता है तो यह नहीं देखता कि कितना खाऊं। अधिक से अधिक खाता है। परिणामस्वरुप बीमारी का घर बन जाता है। अगर आदमी थोड़ा दुख अपना ले अर्थात भोजन का चर्तुमाश वितरण कर शेष भोजन को प्रसाद मानकर ग्रहण करे तो 80 प्रतिशत बीमारियां स्वत: खत्म हो जाएंगी।
प्रकल्प प्रधान सत्यनारायण शर्मा एडवोकेट ने बताया कि प्रकृति के नियमों का पालन करने से स्वास्थ्य और आनंद दोनों प्राप्त होंगे और स्वस्थ शरीर से ही अध्यात्म और सांसारिक सुखों की प्राप्ति की जा सकती है। शिविर में डॉ. विशाल शर्मा, रवि कौशिक, ओ.पी.भारद्वाज आदि ने अपने विचार रखे। सुनील मेहता व पवन गोयल ने बताया कि आने वाले साधकों को पौष्टिकता से भरपूर यहां दिया जा रहा भोजन खूब पसंद आ रहा है। इस अवसर पर व्यवस्था प्रमुख सुनील मेहता, गुरुचरण लाल, दयानंद, राकेश जिंदल, शेर सिंह, पवन गोयल, गंगाधर बंसल, अतुल गुप्ता, सुमन, वर्षा आदि भी उपस्थित रहे। शिविर 9 नवम्बर तक चलेगा।