जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के भविष्य सुरक्षित करने के लिए चलाया जा रहा हैं विशेष टीकाकरण अभियान

 

21 Mar 2025 

न्यूज़ नगरी 

रिपोर्टर-काजल 

हिसार-जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जो 22 मार्च 2025 तक चलेगा। इस अभियान के तहत जन्म से 5 वर्ष तक के उन बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं, जो किसी कारणवश छूट गए हैं।

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण एक संपूर्ण सुरक्षा कवच है, जो बच्चों को घातक बीमारियों से बचाने में मदद करता है। जिला प्रशासन सभी अभिभावकों से अपील करता है कि वे अपने बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण करवाकर इस अभियान को सफल बनाएं। विशेष टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. तरुण ने बताया कि 22 मार्च तक चलने वाले अभियान के लिए जिले में 1730 बच्चों एवं 429 गर्भवती महिलाएं का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं जिसमें से 19 मार्च तक के प्राप्त डाटा अनुसार 1053 बच्चे तथा 271 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो चुका हैं। बच्चों के टीकाकरण का 60.9 प्रतिशत लक्ष्य तथा गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का 63.2 लक्ष्य पूरा हो गया है।

सिविल सर्जन डॉ सपना गहलावत ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत 12 गंभीर बीमारियों पोलियो, निमोनिया, टीबी, टाइफाइड, टिटनेस, हेपेटाइटिस-बी, मैनिंजाइटिस, गलघोंटू, खसरा, रूबेला, काली खांसी, डायरिया (रोटा वायरस) से बचाव के लिए टीके लगाए जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि पांच साल तक बच्चों को सात बार टीके लगने जरूरी हैं। माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसी भी टीके की खुराक न छोड़ें। उन्होंने यह भी बताया कि टीकाकरण अभियान के तहत हर गाँव और शहर के एनएचएम कर्मी, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं। सरकार द्वारा यू-विन ऐप के माध्यम से अभिभावकों को डिजिटल टीकाकरण प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा रहा हैं। इससे माता-पिता आसानी से अपने बच्चों के टीकाकरण रिकॉर्ड को सुरक्षित रख सकेंगे।

उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि हर माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इस विशेष टीकाकरण सप्ताह का लाभ उठाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध हैं। टीकाकरण से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए अभिभावक अपने क्षेत्र के एएनएम, आशा वर्कर या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर सकते हैं।

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