ज्ञान के प्रकाश से समाज व देश को रोशन करें विद्यार्थी : महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु रोजगार ढूंढने वालों की बजाय रोजगार देने वाले बनें विद्यार्थी : महामहिम

 

11 Mar 2025 

न्यूज़ नगरी 

रिपोर्टर-काजल 

हिसार-पीएचडी डिग्री तथा अन्य मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में आधे से अधिक बेटियों की संख्या हरियाणा ही नहीं बल्कि समूचे भारत के विकास का प्रमाण है। आज हमारी बेटियां पूरे दक्ष के साथ शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपना नाम रोशन कर रही हैं। आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में विद्यार्थियों में भी 75 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं , यह संतोष और गर्व का विषय है कि हमारी बेटियां कृषि एवं संबद्ध विज्ञान सहित अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। छात्र अपने ज्ञान की रोशनी से समाज व देश को भी रोशन करें।

यह बात भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के सभागार में आयोजित 6 वें दीक्षांत समारोह हिसार में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।

इससे पहले महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट पर राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों की ओर से महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। विश्वविद्यालय में पहुंचने पर महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सर्वप्रथम पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को शैक्षणिक शोभायात्रा के माध्यम से मंच तक लाया गया और महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु व अन्य अतिथियों ने मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पर्यावरण एवं सामाजिक एकता में अहम योगदान देने पर श्री इंद्रेश कुमार को मानद की उपाधि से सम्मानित किया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कहा कि हरियाणा ही नहीं बल्कि हमारे देश के विकास और समाज में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। गुरु जम्भेश्वर जी एक महान संत और दार्शनिक थे।  वे वैज्ञानिक सोच, बेहतरीन  जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण के समर्थक थे। उनका मानना था कि प्रकृति की रक्षा करना, सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव रखना तथा उन्हें संरक्षण प्रदान करना, मानव का नैतिक दायित्व है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की 30 वर्षों की यात्रा में यहां के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने विभिन्न शोध और अनुसंधान परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां पर इन्क्यूबेशन, स्टार्ट-अप, पेटेंट फाइलिंग अनुसंधान परियोजनाएं विशेष विभाग बनाये गए हैं। ये सभी प्रयास यहां के विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना को विकसित करते हुए भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे। देश के संतुलित और सतत विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि शिक्षा और तकनीकी का लाभ गांव-गांव तक पहुंचे। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विद्यार्थी भी अपने गांव और शहर के लोगों को शिक्षा के महत्व को बताएं, उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। महामहिम ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में समय की मांग के अनुसार महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। इस विश्वविद्यालय के सभी कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हैं, जो विद्यार्थियों में मौलिक सोच और रचनात्मक क्षमता को बढ़ावा देगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराएगी।

महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज के दिन आपके जीवन की नयी यात्रा शुरू हो रही है। इस यात्रा में चुनौतियां भी होंगी और अवसर भी होंगे। निरंतर सीखते हुए और अपने कौशल को बेहतर करते हुए आप चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं। छात्र रोजगार प्राप्त करने की बजाय दूसरों को रोजगार देने वाले बने।

दीक्षांत समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मेडल और पुरस्कार प्राप्त छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को तेजी से बदलते हुए परिवेश में अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए हमेशा नवीनतम तकनीकों और रुझानों से अवगत रहना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, केवल ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का साधन नहीं है। शिक्षा मनुष्य के भीतर नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता जैसे जीवन-मूल्यों को विकसित करने का माध्यम भी है। विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, हरियाणा के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय तथा कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा का स्वागत किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, हिसार विधायक सावित्री जिंदल, नलवा विधायक रणधीर पनिहार, बीजेपी जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, एडीजीपी अजय सिंघल, एडीजीपी एम. रवि किरण, आईजी पंकज नैन, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, हांसी पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा, एसीयूटी कनिका गोयल, पूर्व मंत्री डॉ कमल गुप्ता, पूर्व मंत्री अनूप धानक, माटी कला बोर्ड के चेयरमैन ईश्वर मालवाल, पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, भाजपा नेता रणधीर धीरु, धर्मबीर रतेरिया, राजेश धमीजा, प्रवीण पोपली सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

अध्यात्म मानव निर्मित सीमाओं से ऊपर उठकर पूरी मानवता को एक सूत्र में है जोड़ता  है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने हिसार में ‘समग्र कल्याण के लिए आध्यात्मिक शिक्षा प्रोजेक्ट’ का शुभारंभ किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने हिसार में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में ‘समग्र कल्याण के लिए आध्यात्मिक शिक्षा प्रोजेक्ट’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने आध्यात्मिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए समाज के सर्वांगीण विकास में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस आयोजन करने के लिए सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 50 वर्षों की यात्रा की सफलता के मूल में पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के आशीर्वाद की शक्ति विद्यमान है। राष्ट्रपति ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पावन आध्यात्मिक ऊर्जा को सादर नमन करते हुए कहा कि आप सबने त्याग और तपस्या के बल पर अपने केंद्र के माध्यम से संस्थान और समाज को अमूल्य योगदान दिया है। आप सबके प्रयासों से लोगों के लिए भौतिक, मनोवैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक उन्नति के रास्ते खुले हैं।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हरियाणा में आकर श्रीमद् भगवद्-गीता का संदेश सहज ही याद आता है। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने स्थितप्रज्ञ के लक्षण बताए थे, हर परिस्थिति में समत्व बनाए रखने की शिक्षा दी थी, कर्म के फल पर तनिक भी ध्यान न देते हुए पूरी निष्ठा के साथ कर्म करने की प्रेरणा दी थी। जैसे पांडवों के सामने कौरवों की चुनौती थी, वैसे ही प्रत्येक व्यक्ति के अंदर और बाहर नकारात्मक प्रवृत्तियों और विपरीत परिस्थितियों की चुनौती होती है। जिस प्रकार गीता की शिक्षा के बल पर अर्जुन पॉजिटिव एनर्जी से भर गए, उसी तरह जीवन के संग्राम का सामना करने और उसमें विजय पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भीतर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करना चाहिए।  

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अध्यात्म मानव निर्मित सीमाओं से ऊपर उठकर पूरी मानवता को एक सूत्र में जोड़ता है। आध्यात्मिक आधार पर निर्मित सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक या अन्य किसी प्रकार की व्यवस्था नैतिक और टिकाऊ बनी रहती है। आध्यात्मिकता की शक्ति के बल पर आज ब्रह्माकुमारी केंद्र विश्व के लगभग 150 देशों में सामाजिक एवं आर्थिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस सभागार के भवन का नाम पीस पैलेस है। भवन का यह नाम अत्यंत अर्थपूर्ण है। इस भवन के नाम से, मुझे रूस के महान लेखक और विचारक टॉलस्टॉय की एक छोटी-सी पुस्तक याद आई जिसका अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उस पुस्तक के हिन्दी संस्करण का नाम है ‘वैकुंठ तुम्हारे हृदय में है’। इस पुस्तक का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सादर उल्लेख किया करते थे। वैकुंठ यानी पैराडाइज परम शांति और आनंद का धाम है। अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति का लक्ष्य उस आंतरिक अनुभव को प्राप्त करना होता है, जहां राग-द्वेष से मुक्त, भय और आकांक्षा से परे होकर व्यक्ति को गहन शांति की अनुभूति होती है। उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर लेने वाले व्यक्ति के भीतर ही शांति-भवन, शांति-कुंज या शांति-प्रसाद विद्यमान होता है। आध्यात्मिक शिक्षा के बल पर होलिस्टिक वेल बीइंग को प्राप्त करने का उद्देश्य एक ऐसी समग्रता-पूर्ण जीवन-शैली का निर्माण करना है जो आंतरिक शांति प्रदान करे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था राष्ट्र सेवा और समाजसेवा के अनेक अभियानों में सक्रिय योगदान दे रही है। नशा मुक्त भारत अभियान, जल संरक्षण से जुड़े राष्ट्रपति कार्यक्रम, नारी सशक्तिकरण के प्रयासों तथा ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे पर्यावरण संवर्धन के पुण्य कार्य में योगदान देकर आप सबने अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा का राष्ट्र और समाज के हित में सुनियोजित उपयोग किया है।

कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हरियाणा में पहुंचने पर स्वागत किया और कहा कि आज सौभाग्य का दिन है कि हमें राष्ट्रपति जी का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी एक महिला प्रधान संस्था है। इस संस्था ने लोगों के कल्याण के लिये कार्य किया है । लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में संस्था ने अपनी महती भूमिका निभाई है।

राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के अनेक क्षेत्रों में मानवीय कल्याण के काम किए है। उन्होंने कहा कि 25 हज़ार से अधिक राजयोगी अपना जीवन अर्पण करके समाज की भलाई के लिए काम कर रहे है। ब्रह्माकुमारी मानसिक शांति सिखा रहे है और समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करते है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति की सुपुत्री इतिश्री मुर्मू, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, हिसार विधायक सावित्री जिंदल, नलवा विधायक रणधीर पनिहार, बीजेपी जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, एडीजीपी अजय सिंघल, एडीजीपी एम. रवि किरण, आईजी पंकज नैन, उपायुक्त अनीश यादव, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, हांसी पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा, एसीयूटी कनिका गोयल, पूर्व मंत्री डॉ कमल गुप्ता, पूर्व मंत्री अनूप धानक, माटी कला बोर्ड के चेयरमैन ईश्वर मालवाल, पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, भाजपा नेता रणधीर सिंह धीरु, धर्मबीर रतेरिया, राजेश धमीजा, प्रवीण पोपली, कृष्ण बिश्रोई, राजयोगिनी ब्रह्माकुमार डॉ मृत्युंजय अतिरिक्त सेक्रेटरी जनरल ब्रह्माकुमारी माउंट आबू, राजयोगिनी ब्रह्माकुमार डॉ नथमल नेशनल कोऑर्डिनेटर कलकत्ता, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ लीना अतिरिक्त डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी माउंट आबू, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ उत्तरा जॉन इंचार्ज पंजाब, राजयोगिनी ब्रह्माकुमार प्रेम जोन इंचार्ज पंजाब, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ रमेश कुमारी डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी हिसार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

https://www.newsnagri.in/2025/03/LUVAAS-Non-Teaching-Association-congratulated-Dr-Naresh-Jindal-the-new-Vice-Chancellor-of-LUVAAS-University.html


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