हिसार के जाट कालेज में 112 गेस्ट टीचरों को हटाने का मामले ने पकडा तूल, किसानो ने टीचरो को दिया समर्थन


 11 Feb 2022

न्यूज़ नगरी डेस्क :

हिसार-हिसार में चल रहे जाट कालेज के धरने को किसानों ने भी खुलकर समर्थन दे दिया है। किसानो भी अन्य संगठन के लोग धरने पर 112 गेस्ट टीचरों को समर्थन दिया है। छाज्जू राम ममोरियल जाट कालेज में सहायक प्रोफ़ेसर को हटाने का मामला तूल पकडा जा रहा है। कुछ महिला लेक्चर्र रात भर धरना स्थल पर बैठ रही है। हिसार में किसान भी धरने पर आकर बैठ गए है। किसानो ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गेस्ट टीचरो को जोब पर रखा नही गया तो हरियाणा के किसान संगठनों की बैठके करके सभी हरियाणा के 22 टोल बंद किए जा सकता है। महिला गेस्ट टीचरो का कहना था कि उनके साथ अत्यायार किया है। यहा करीब 90 महिला टीचर है। जो यहां पर धरने पर बैठी हुई  है। 


जाट एकता मंच के उपाध्यक्ष  किसान नेता बलराज सिंह ने कहा कि प्रशासन को इस समस्या का हल करना पडेगा। जरुरत पडी तो हरिायणा के किसान व जाट समाज के लिए लोग यहा इनके समर्थम में पहुचेगे। किसान नेता दशरथ ने कहा सभी टीचर किसानो के बच्चे है। अगर प्रशासन ने नही मानी तो हरियाणा के 22 टोलो को बद किया जाएगा। कोई गलत काम करेगा उनका किसानो को समर्थन रहेगा। किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि किसानो ने 112 टीचरो को समर्थन दिया है जाट शिक्षण संस्थान को बदमाम करने की कौशिश की है। सरकार से मांग है तुरत प्रभाव से नौकरी पर रखा जाए। नही लिया जाता तो आगे हरियाणा के किसान मिलकर रणनीनित करेगे।



टीचर मोनिका ने कहा कि आज लगातार चौथे दिन से धरना दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि प्राचार्य ने उनका आफ कर दिया है। उनकी मांग है कि पहले प्राचार्य आरएस धागड है उन्हे रखा और टीचरो को 12 महीन के लिए रखा जाए और समान काम समान वेतन दिया जाए। गेस्ट टीचर मोनिका ने कहा मुझे नौकरी से निकला दिया है। वे अपना हक मांग रही है। उनकी मांग जल्द से नौकरी पर रखा जाए। 




टीचर नेहा ने कहा कि मांगे पूरी नही होती तो दिन रात को धरना जारी रखा जाएगा। इसलिए प्रशासन को उनकी मांगे पूरी करनी चाहिए।



टीचर पूजा ने कहा कि जो हमारे साथ किया गलत किया जा रहा है एसे में उन्हें नौकरी पर रखा जाएग।



कालेज की प्राचार्य नीलम सिंह ने कहा कि छाज्जू राम जाट शिक्षण संस्थान काफी लोस में चल रहा है संस्थान में सरकार द्वारा 48 पोस्ट नही भरी है और न ही प्राचार्य की पोस्ट भरी पोस्ट भरी होती उनको सरकार से वेतन मिल सकता था परंतु गेस्ट टीचरों का वेतन संस्थान खुद वहन कर रहा था जिसके कारण खर्चे बढ रहे है शिक्षण संस्थान का खर्चा बहुत ज्यादा परंतु आमदनी नही है। उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचरों का आफ किया गया है। इससे पहले 3 अगस्त 21 से 30 सितंबर तक आफ किया गया था।


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