11 Feb 2022
न्यूज़ नगरी डेस्क :
हिसार- आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि मनोज राठी ने शहर के एक व्यवसायी द्वारा हिसार के डीआईजी बलवान सिंह राणा पर एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से लाखों रुपये मांगने के आरोपों को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि यदि ये आरोप वास्तव में सच्चे है तो यह हिसार की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है कि जनता की सुरक्षा व अमन—चैन के लिए तैनात पुलिस अधिकारी डकैती मारने जैसा काम कर रहे हैं। ऐसे में जिन पुलिस अधिकारियों का रिश्वत मांगने में नाम आया है, उनका लाइव डिटेक्टिव टेस्ट व नार्को टेस्ट होने चाहिए।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि मनोज राठी ने कहा कि पुलिस के इतने बड़े अधिकारी द्वारा सरेआम पैसे मांगा जाना बहुत बड़ी बात है। बलवान सिंह राणा पहले एसपी के रूप में और अब डीआईजी के रूप में पिछले लंबे समय से हिसार में जमे हुए हैं। इसकी वजह यही हो सकती है कि भाजपा—जजपा के किसी बड़े नेता का हाथ उक्त अधिकारी के सिर पर है। यही वजह है कि राज्य के गृहमंत्री अनिल विज जो अपने आप को गब्बर कहते हैं और छोटी—छोटी शिकायतों पर पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड करते रहते हैं लेकिन हिसार के डीआईजी पर आरोप लगे तीन दिन होने के बावजूद वे अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं कर पाए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अनिल विज ने कभी किसी डीसी या एसपी को उसकी गलती पर सस्पेंड किया है या वैसे ही प्रसिद्धि पाने के लिए छोटे—छोटे कर्मचारियों को ही निशाना बना रहे हैं।
आप नेता मनोज राठी ने कहा कि इस प्रकरण में डीआईजी बलवान सिंह राणा के अलावा डीएसपी अशोक कुमार व एसएचओ कप्तान सिंह का नाम भी आया है। ऐसे में पहले तो इन तीनों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए और बाद में आरोपों की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि ये जांच को प्रभावित न कर सके। आरोपियों का लाइव डिटेक्टिव टेस्ट व नार्को टेस्ट होना चाहिए अन्यथा ऐसे प्रभावशाली लोगों के रहते राज्य सरकार की एजेंसी से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कम ही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस अधिकारियों की भूमिका को देखते हुए इनके फोन कॉल की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एसएचओ कप्तान सिंह की बड़े—बड़े अधिकारियों से सांठगांठ है और नशा बिकने में इस अधिकारी का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। बड़े नेताओं व बड़े अधिकारियों का सिर पर हाथ होने की वजह से ही डीजीपी द्वारा कप्तान सिंह का तबादला करने के बावजूद उन्हें दबाव में यह तबादला रद्द करना पड़ा था।
मनोज राठी ने आरोप लगाया कि शहर के बहुचर्चित पार्थ वधवा हत्याकांड में भी इसी डीआईजी ने पार्थ को न्याय नहीं मिलने दिया और आरोपियों को बचाने का प्रयास किया। न्याय की मांग करने वालों पर ही केस दर्ज करके इसी डीआईजी ने वह मामला दबा दिया। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से हिसार में रिश्वत का खेल सरेआम चल रहा है और पुलिस थानों में सरेआम रिश्वत मांगी जा रही है। इसी वजह से बहुत से लोगों को इंसाफ नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि डीआईजी बलवान सिंह राणा की छत्रछाया में ही हिसार जिले के पुलिस थानों में रिश्वत का बोलबाला रहा और गरीबों व पीड़ितों को न्याय से वंचित रखा गया। उन्होंने आशंका जताई कि भ्रष्टाचार के इस खेल में सत्तापक्ष से जुड़े कुछ नेता भी जुड़े रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने डीआईजी के खिलाफ आवाज नहीं उठाई अन्यथा एक अकेला एसपी या डीआईजी इतना बड़ा काम नहीं कर सकता। इस अवसर पर उनके साथ रामबिलास जांगड़ा, चरत जाखड़, सुरेन्द्र कुमार व आमिर खान सहित अन्य भी उपस्थित थे।