06 Feb 2022
न्यूज़ नगरी डेस्क :-
हिसार-जाट समाज प्रबुद्ध लोगों की एक बैठक आज पूर्व मंत्री कंवल सिंह के आवास पर हुई। बैठक में जाट एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत आने वाली सभी शिक्षण संस्थाओं के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर जाट शिक्षण संस्थान को राजनीति का अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया गया। बैठक में पूर्व मंत्री कंवल सिंह व अन्य लोगों ने कहा कि उपायुक्त द्वारा सीआरएम जाट कॉलेज का प्रशासक का पदभार संभालने से इंकार करने के बाद अब एडीसी को प्रशासक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जाट एजुकेशन सोसायटी को लेकर जिस प्रकार की गतिविधियां चल रही हैं, उसके चलते जाट शिक्षण संस्थानों के हालात खराब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा जाट एजुकेशन सोसायटी को राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है, जिसके चलते जाट एजुकेशन सोसायटी के चुनावों की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है और इस मामले में चल रहे कोर्ट केस को लेकर भी कोई कार्यवाही स्टेट रजिस्ट्रार द्वारा नहीं की जा रही है। इससे साफ है कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सत्ता का दबाव बनाकर जाट एजुकेशन सोसायटी के चुनाव नहीं होने दे रहे हैं और जाट एजुकेशन सोसायटी के प्रशासक पद पर अपने किसी चहेते को बैठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के चलते जाट समाज में दुष्यंत चौटाला की छवि भी खराब हो रही है। समाज के लोगों का मानना है कि उनका मकसद समाज का हित होने की बजाय अपने कुछ निजी लोगों के हित साधना है। इसके चलते जाट शिक्षण संस्थानों में गुटबाजी बढ़ रही है और इसके कारण शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के प्रभाव के कारण ही डेढ़ साल पहले जिस कार्यकारिणी का समय खत्म हो चुका है, उसके बावजूद वह जाट शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को गैर कानूनी तरीके से नियंत्रित करने का काम कर रहे हैं।
एडवोकेट योगेश सिहाग ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने जाट एजुकेशन सोसायटी को लेकर इसी प्रकार हस्तक्षेप जारी रखा तो जल्द ही हिसार में समाज की एक बहुत बड़ी पंचायत बुलाई जाएगी और इस मामले को उठाया जाएगा। बैठक में पूर्व मंत्री कंवल सिंह, पूर्व वीसी डा. केके खोखर, धर्मवीर गोयत, पूर्व जिला पार्षद सुबे सिंह आर्य, पूर्व कुलसचिव डा. राजबीर मोर, वरिष्ठ अधिवक्ता महेंद्र सिंह नैन, जय सिंह पाली, करतार सिंह सिवाच, पूर्व प्राचार्य दलीप सिंह खर्ब, रणधीर सिंह पानू, एडवोकेट योगेश सिहाग, बिजेंद्र हुड्डा सहित समाज के अनेक गणमन्य व्यक्ति मौजूद रहे।