प्रदूषण,कारखानों वाहनों से निकलने वाले धूएं के कारण अस्थमा बीमारी से शिकार हो रहे है लोग

 


02 May 2022 

न्यूज़ नगरी 

हिसार( कमल सैनी)- मरीज का सांस फूलने लगती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा  प्रदूषण  शारीरिक गतिविधियों के अभाव व फ ास्ट फूड अधिक खाने जैसे कारणों की वजह से समस्या गंभीर होती जा रही है। दमा फेफ ड़ों की ऐसी बीमारी होती है जिसके कारण व्यक्ति को साँस लेने में कठिनाई होती है। यह फेफड़ों में वायुमार्ग से जुड़ी एक बीमारी है। दमा होने पर श्वास नलियों में सूजन होकर श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों को अस्थमा बीमारी से बचने के लिए बचाव करने जरुरी है।

हिसार के  जिदंल अस्पताल के चिकित्सको डा. भूषण बंसलस डा. इद्रजीत, खुराना, डा, नेहा गर्ग, डा. मधुरी महताडा, वीना गुप्ता, डा. प्रियंका ऐलाबादी ने संयुक्त रुप अस्थमा दिवस प्रैस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन वायुमार्गों यानी ब्रॉनकायल टयूब्सके माध्यम से हवा फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है और अस्थमा में यह वायुमार्ग सूजे हुए रहते हैं जब यह सूजन बढ़ जाती है और वायुमार्ग के चारों ओर मांसपेशियों के कसने का कारण बनती है और साँस लेने में कठिनाई के साथ खाँसीए घरघराहट और सीने में जकडऩ जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। खाँसी के कारण फेफड़े से कफ उत्पन्न होता है लेकिन इसको बाहर लाना काफी कठिन होता है। अस्थमा  दमा फेफड़ों की एक बीमारी है जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा होने पर श्वास नलियों में सूजन आ जाती है जिस कारण श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। श्वसन नली में सिकुडऩ के चलते रोगी को सांस लेने में परेशानीए सांस लेते समय आवाज आनाए सीने में जकडऩए खांसी आदि समस्याएं होने लगती हैं। अस्थमा के लक्षणो के बारे में चिकित्सको ने बताया कि बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी,सीने में जकडऩ जैसा महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई,  सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना,  रात में या सुबह के समय स्थिति और गंभीर हो जाना,  ठंडी हवा में सांस लेने से हालत गंभीर होना। अस्थमा एलर्जिक अस्थमा, नॉनएलर्जिक अस्थमा,  मिक्सड अस्थमा,  एक्सरसाइज इनड्यूस अस्थमा, कफ वेरिएंट अस्थमा ऑक्यूपेशनल अस्थमा,  नॉक्टेर्नल यानी नाइटटाइम अस्थमा मिमिक अस्थमा,  चाइल्ड ऑनसेट अस्थमा,  एडल्ट ऑनसेट अस्थमा है। जिदंल अस्पताल के चिकित्सको डा. भूषण बंसलस डा. इद्रजीत, खुराना, डा, नेहा गर्ग, डा. मधुरी महताडा, वीना गुप्ता, डा. प्रियंका ऐलाबादी ने सयुक्त रुप अस्थमा दिवस प्रैस वार्ता में बताया कि आज के समय में अस्थमा का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है कारखानों  वाहनों से निकलने वाले धूएं अस्थमा का कारण बन रहे हैं। सर्दी  फ्लू  धूम्रपान  मौसम में बदलाव के कारण भोग अस्थमा से ग्रसित हो रहे हैं। पेट में अमल की मात्रा अधिक होने से भी अस्थमा हो सकता है। इसके अलावा दवाईयां  शराब का सेवन और कई बार भावनात्मक तनाव भी अस्थमा का कारण बनते हैं। 

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