18 Oct 2022
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)- पूर्व विधायक स्व. सरदार पूर्ण सिंह डाबड़ा (घिराये हलका) की 78वीं जयंती पर आज गांव डाबड़ा स्थित छत्री स्थल पर नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। यह जानकारी देते हुए सरदार पूर्णसिंह डाबड़ा मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की प्रधान चित्रा पूर्णसिंह डाबड़ा ने बताया कि नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा सिंगला, फिजिशियन डॉ. नवीन शर्मा, दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सावी भटनागर, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित मदाान, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित प्यासी, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. भारत भूषण आदि ने लगभग 500 लोगों की जांच कर उन्हें नि:शुल्क दवाईयां भी प्रदान की।
इससे पूर्व सरदार पूर्णसिंह डाबड़ा मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े सभी सदस्यों, परिवारजनों व ग्रामीणों के अलावा अन्य सम्बंधियों ने स्व. पूर्णसिंह डाबड़ा के चित्र पर माल्र्यापण कर उन्हें याद किया। ट्रस्ट की प्रधान चित्रा पूर्णसिंह डाबड़ा ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा भविष्य में भी सामाजिक कार्य किये जाते रहेंगे। इस अवसर पर बलजीत सिंह डाबड़ा, रामअवतार धारीवाल, राजमल काजल, मनमोहन सिंह, रमेश चुघ, सुभाष मक्कड़, कुशान सिंह, अभिमन्यु सिंह, महाबीर सिंह, मनमोहन सिंह, सुरेन्द्र फौजी, राजकुमार मोहिल, योगराज शर्मा, कंचन चौधरी सहित गांव के सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।
सरदार पूर्णसिंह डाबड़ा का जीवन परिचय
सरदार पूर्णसिंह डाबड़ा मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की प्रधान चित्रा पूर्णसिंह डाबड़ा ने बताया कि स्व. चौ. पूर्ण सिंह डाबड़ा वर्ष 2000 से 2005 तक घिराये हलके से विधायक रहे। विधायक पद पर होते हुए वे रेलवे बोर्ड के सदस्य भी रहे। उनके राजनीतिक सफर के बारे में बताते हुए चित्रा पूर्णसिंह डाबड़ा ने कहा कि इससे पहले 1989 में वे मार्किट कमेटी हिसार के चेयरमैन बने। 1992 में लोकदल पार्टी हिसार जिला के प्रधान बने। 1995 में समाजवादी जनता पार्टी के जिला प्रधान बने। वर्ष 96 में समता पार्टी के जिला प्रधान बने। 1997 से 2007 तक इनेलो के जिला प्रधान रहे। 2007 से 2016 तक इनेलो किसान सैल के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 2016 में इनेलो पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने। 2018 में इनेलो पार्टी छोडक़र जजपा में शामिल हो गये। स्व. चौ. पूर्णसिंह डाबड़ा 31 जुलाई 2001 को जाट एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष बने। उनके कार्यकाल में सोसायटी ने काफी ऊंचाईयों को छुआ। उनके द्वारा समाज को दिये गये योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।