03 October 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-आर्य समाज, मॉडल टाउन हिसार के 72वें वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन आचार्य सूर्यदेव वेदांशु के ब्रह्मत्व में हवन-यज्ञ किया गया। यज्ञ में वीरेंद्र कुमार आर्य, रामपाल आर्य, मदन वासुदेव और सतीश चाहर सपत्नीक यजमान बने। यजमानों के अलावा गंगादत्त अहलावत, जगदीश प्रसाद आर्य, चांदरतन दमाणी, सुरेन्द्र बेरवाल, आनन्द गर्ग, राज वर्मा, मांगेराम आर्य, निर्मला देवी, साधना मेहता, सुमन बत्रा, सविता वेदांशु आदि यज्ञ में आहुतियां दी। यज्ञ के उपरांत यह भजन सुनाकर आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने यजमानों को आशीर्वाद दिया। ओम जय जगदीश पिता स्वामी जय जगदीश पिता, विश्व विरांच विधाता जग त्राता सविता। याद किया न कभी प्रभु को बस माया ही जोड़ी, प्रभु नाम धन सिवाय तू हारे जाए न फूटी कौड़ी। दुनिया में आकर पुण्य किया ना.. कैसे भला सुख पायेगा, जीवन में दान किया ना, संध्या व हवन किया न, मालिक को क्या मुंह दिखाएगा। भजन एवं प्रवचनों के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए दिल्ली से आये प्रो. धर्मेन्द शास्त्री ने ईश्वर के नाम की चर्चा करते हुए बताया कि ईश्वर का निज और मुख्य नाम ओम है ओम के तीन अक्षर अ उ म इनसे ईश्वर, जीव और प्रकृति का ग्रहण होता है, यही तीन शक्तियां अनादि हैं। इनमें ईश्वर और जीव यह दो शक्तियां चेतन हैं और प्रकृति जड़ है, इनके सही स्वरूप को जानना ही मनुष्य जीवन का उद्देश्य है। मेरठ से पधारे पंडित संदीप आर्य ने भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। सैंकड़ों लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।