05 Nov 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-छठ पूजा का महापर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. यह महापर्व बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखा जाता है.चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मंगलवार को नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो गया है. जहां छठ व्रतियों ने आस्था की डुबकी लगाई. स्नान करने के बाद छठ व्रती भगवान भास्कर को जल अर्पित कर अपने-अपने घर को गए. चार दिनों तक चलने वाली सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत की पूजा अर्चना कर सकते हैं. गाजियाबाद के वैशाली में छठ व्रती ने घर पर नहाये खाये के साथ किया महापर्व छठ पूजा प्रारंभ.
छठ पूजा 2024 का आखिरी दिन
छठ पूजा का महापर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. यह महापर्व बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखा जाता है, जो सबसे कठिन व्रतों में से एक है. इस साल छठ पर्व 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर को समाप्त होगा.
छठ पूजा 2024 का पूरा शेड्यूल
1. पहले दिन नहाय खाय
2. दूसरे दिन खरना पूजा
3. तीसरे दिन संध्याकालीन या अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य
4. चौथे दिन उषा अर्घ्य या उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन
कब दिया जाएगा छठी मैया को पहला और दूसरा अर्घ्य
आज छठ व्रती अपने घर मे कद्दू भात एवं चने की दाल बनाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे. छठ व्रतियों के खाने के बाद ही घर के अन्य लोग खाना खाएंगे. कल यानी बुधवार को सुबह से उपवास रहकर छठव्रती खरना करेंगी. जिसमें शाम को गुंड और दूध की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर छठ व्रती भगवान भास्कर को भोग लगाकर ग्रहण करेंगें. उसके बाद 36 घण्टे निर्जला उपवास रहकर गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देंगे एवं शुक्रवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत की समाप्ति करेंगे.