11 Nov 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-सेब के सिरके के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नारियल की मदद से भी सिरका तैयार किया जाता है जो सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है.
पूरी दुनिया में नारियल को सुपरफूड के तौर पर जाना जाता है, इसका हर हिस्सा फायदेमंद और इंसानों द्वारा ये कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. इसका पप्ल, पानी, खोल और छिलके भी काफी काम के हैं. कुछ लोग इसके दूध तक से रेसेपीज बनाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी नारियल का सिरका ट्राई किया है. दरअसल कोकोनट विनेगर का इस्तेमाल केरल और गोवा के कई डिशेज में किया जाता है जिससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है. हलांकि इसका टेस्ट सेब के सिरके से थोड़ा माइल्ड जरूर होता है, लेकिन इसके बेशुमार फायदे हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि कोकोनट विनेगर आपके लिए क्यों लाभकारी है.
नारियल के सिरके के फायदे
1. डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद
डायबिटीज के मरीजों को नारियल के सिरक का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इसे एसेटिक एसिड (Acetic Acid) मौजूद होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल रेग्युलेट होता सकता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर हो जाती है. आप कोकोनट विनेकर का सेवन हाई कार्ब मील के बाद कर सकते हैं.
2. पेट और कमर की चर्बी होगी कम
आप सेब के सिरके का इस्तेमाल वजन कम करने के लिए करते होंगे, नारियल का सिरका भी कुछ इसी तरह काम करता है. अगर आप नियमित तौर से कोकोनट विनेगर पिएंगे तो इससे काफी देर तक भूख नहीं लगेगी और आप ज्यादा भोजन करने से बच जाएंगे. इस तरह आप आहिस्ता आहिस्ता बेली फैट को कम करने में कामयाब हो जाएंगे.
3. पेट से जुड़ी परेशानियां होंगी दूर
नारियल के सिरके को तैयार करने से पहले इसे फर्मेंटेशन प्रॉसेस (Fermentation Process) से गुजरना पड़ता है, और फिर जो फाइनल प्रोडक्ट तैयार होता है उसमें प्रोबायोटिक्स की भरपूर मात्रा होती है जिससे पेट और आंत की सेहत बेहतर हो जाती है और फिर आप कब्ज, गैस, एसिडिटी से बच जाते हैं.
4. इम्यूनिटी होगी बूस्ट
जो लोग नियमित तौर से नारियल के सिरके का सेवन करते हैं उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है. इम्यूनिटी बूस्ट होने पर आप सर्दी, खांसी, जुकाम, फूल और फीवर जैसी वायरल डिजीज के रिस्क से बच जाते हैं.
5. दिल की सेहत के लिए अच्छा
नारियल के सिरके में पोटेशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, ये वो न्यूट्रिएंट है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं. जब बीपी नियंत्रित हो जाता है जो हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी दिल की बीमारियों से बचना आसान हो जाता है