न्यूज़ नगरी
16 -02 -2025
हिसार (ब्यूरो )- सिरसा रोड़ स्थित उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टीटीसी केंद्र) में आयोजित तीन दिवसीय कृषि दर्शन प्रर्दशनी के दूसरे दिन लोगों ने बढ-चढ़ के भाग लिया। शाम तक लगभग सवा लाख किसानों व आमजन ने ली जानकारी। कृषि दर्शन प्रदर्शनी के दूसरे दिन हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। उन्होंने इस अवसर पर प्रदर्शनी का भ्रमण कर नई व आधुनिक कृषि तकनीकों का अवलोकन किया और किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे खेती में उन्नत तकनीकों का समावेश कर उत्पादन क्षमता बढ़ाएं।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने अपने संबोधन में कहा कि यह प्रदर्शनी हरियाणा सरकार के कृषि मशीनीकरण अभियान को नई गति देने और किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोडऩे का एक सफल प्रयास है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हैं। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है और कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हो रहा है। प्रदर्शनी के दौरान कृषि मंत्री ने हवा में ड्रोन को उड़ाकर उसकी कार्यप्रणाली को समझा। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से किसानों को कीटनाशकों एवं उर्वरकों का छिडक़ाव करने में सहायता मिलेगी, जिससे उत्पादन लागत में कमी आएगी और समय की बचत होगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर खेती को अधिक लाभदायक बनाएं।
कृषि मंत्री ने प्रदर्शनी में विभिन्न आधुनिक कृषि उपकरणों और मशीनों का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रैक्टर पर बैठकर उसकी विशेषताओं को परखा और सोलर पंप का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि सोलर पंप तकनीक किसानों के लिए ऊर्जा की बचत करने और सिंचाई व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में मददगार साबित होगी।
अपने संबोधन में कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे उन्नत बीजों, जैविक खेती और नई तकनीकों का उपयोग करें तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें अनुदान आधारित उपकरण, फसल बीमा योजना, जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल हैं। कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने किसानों को नई कृषि तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें आधुनिक खेती के फायदे बताए।इस अवसर पर हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज, टीटीसी निदेशक श्री मुकेश जैन, कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री राजबीर सिंह, सहायक कृषि अभियंता श्री ओमप्रकाश महिवाल सहित अनेक कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित-
प्रदर्शनी के दूसरे दिन कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने लक्की ड्रा भी निकाला। जिसमें लक्की सिंह गांव जूई को रोटरा वैल्डर ईनाम में निकला। कृषि मंत्री के द्वारा प्रदर्शनी में दूसरे दिन हरियाणा प्रदेश के 26 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया। ये किसान पराली प्रबंधन व प्राकृतिक खेती से सम्बन्धित कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
अब बाईक पर भी ले जाया जा सकेगा ड्रोन- हिमांशु
जी हाँ, किसानों को ड्रोन खेत में ले जाने के लिए किसी लोडिग़ वाहन की अब जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वह ड्रोन को अपनी बाईक पर भी ले जा सकेगें। टीटीसी में आयोजित प्रर्दशनी में मारूत ड्रोन के बारे में अवगत करवाया गया। इस ड्रोन की मुख्य विशेषता यह है कि 25200 एमएएच की बैटरी लगी हुई है जिसे एक बार चार्ज करने पर 23 मिनट तक उड़ाया जा सकता है। 10 लीटर की इसकी क्षमता है। 3 एकड़ में एक बार में स्प्रे कर सकता है। इस पर कैमरा भी लगाया जा सकता है जिससे किसान फसलों में हो रही बिमारियों को पता लगा सकेगा और समय पर रोकथाम कर सकेगा। बाईक पर ले जाने के लिए कम्पनी द्वारा इसका लोहे का ढ़ाचा बनवाया गया है जिसकी मदद से वह बाईक पर आसानी से कहीं भी आ जा सकता है। इसकी वजह से केवल एक व्यक्ति ही इस काम को कर सकता है।
मशीन एक काम अनेक- स्वरूप
किसानों को जमीन की फसलों की बुआई करनी हो या बिजाई करनी हो या जमीन को समतल करना हो सभी अलग-अलग प्रकार की मशीनों को इस्तेमाल करना पड़ता है। टीटीसी में आयोजित प्रर्दशनी के दौरान संगरिया जिला से आए स्वरूप ने किसानों को अपनी नई मशीन मल्टी एस 311 से किसानों को रूबरू करवाया जिसकी मुख्य विशेषता यह है कि जमीन को समतल इसी मशीन से किया जा सकता है। जमीन समतल होगी तो पानी की खपत कम होगी। सभी प्रकार की फसलों की बुआई इसी मशीन के जरिये की जा सकती है। अलग-अलग मशीने लेने की जरूरत नहीं इस मशीन पर लगभग 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी है।
स्कूटर कम टै्रक्टर-
कृषि दर्शन प्रर्दशनी में किसानों को स्कूटर कम टै्रक्टर रहा आर्कषण का केंद। यह पैट्रोल से चलता है, संकरे रस्तों पर काम कर सकता है। खास कर बागबानी वाले इसका इस्तेमाल ज्यादा कर रहे है। 12 हॉर्स पावर का यह ट्रैक्टर स्वराज द्वारा कोड के नाम से है। फोर स्ट्रोक इंजन है। आगे के 6 और पीछे के 3 गियर है। इसकी घीमी स्पीड लगभग 2 से भी कम जो इसकी कार्य क्षमता को बढ़ाता है और अधिकतम स्पीड 16 है।
कांसे थाली के दे रहे फ्री में पैरों की मसाज- डॉ संजय
दवा युक्त नहीं दवा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदर्शनी में किसान व आमजन को तीनों दिन फ्री में कांसे थाली की पैरों की मसाज कर रहें है। सैंकड़ो की संख्या में फ्री में थैरेपी। डॉ संजय ने बताया कि हम आयुर्वेद पर काम करते है हमारे आयुर्वेद में हर प्रकार के रोगों का दमन करने के लिए क्षमता है। हमारा आयुर्वेद सतयुग से चला आ रहा है आज हम इसें भुलते जा रहे है। हमने दवा युक्त नहीं दवा मुक्त भारत अभियान चला रखा है जिसके तहत प्रदर्शनी में आए हुए किसान व आमजन को कांसे की थाली की थैरेपी दे रहे है जिससे उसके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकाला जा सकता है। हमारे शरीर का सारा वजन हमारे पैरों पर होता है, हमारे शरीर को डीटोक्स पैरों के जरिये भी किया जाता है। अलग-अलग तेल की मसाज अलग-अलग रोगों में फायदा देती है।
इस थैरेपी से पैरों से लेकर सिर की चोटी तक प्रभाव पड़ता है। बाल, आंखों की नजर का ठीक होना, नींद अच्छी आना, नसों की ब्लॉकेज को ठीक करता है, टांगों व पैरों के पुराने से पुराने दर्द को ठीक करता है, पाचन में सुधार करता है, चिड़चिड़ापन को दूर करता है, लीवर किडनी सुचारू रूप से काम करने लगती है। अनको तरह के इस थैरेपी की फायदे है।
हमारा दूसरा दिल हमारी पिंडलियों में होता है, आपकी पिंडलियां अगर नरम है तो आपका दिल स्वस्थ है यदि नहीं तो शरीर कई तरह की बिमारियाँ पनप रही है जो समय रहते ठीक हो जाये तो सही नहीं पर भयानक रूप भी धारण कर सकती है। उन्होनें बताया कि हम हमारे संस्थान आदि आयुर्वेदम में हर महीने शुगर कैम्प भी लगाते है जहां शुगर की फ्री में जांच की जाती है। मेले के दौरान हम फ्री में डाईट चार्ट भी दे रहें है जिसे आप डेली रूटीन में इस्तेमाल करके डॉक्टरों से कोसो दूर रह सकते है।
गोबर से बनेगें पैसे-
इस बार किसानों ही आमजन की आमदनी को बढ़ाने के लिए टीटीसी में आयोजित प्रदर्शनी में पहली बार कैसे गोबर से गिट्टी बनाई जाती है, के लिए जगजीत गु्रप ने मशीन के बारे में रूबरू करवाया। लगभग 2 किलोवाट की मोटर लगी हुई है। मशीन में पानी अलग हो जायेगा और गोबर की गिट्टी अलग बन जायेगी। लोग ऑनलाईन पर गोबर के हाथों से बने हुए उपलों को बेचते है उनके लिए यह मशीन काफी काम आ सकती है। आपके पास कितना कच्चा माल है और जितना भी चाहे उतना माल तैयार कर सकते है। इसकी बनाई हुई गिट्टी को कोयले की जगह भी इस्तेमाल किया जा सकता है और आप अपनी आमदनी को जितना चाहे उतना बढ़ा सकते है।
मेले में प्रतियोगिताओं में लिया भाग-
मेले में किसानों व आमजन ने कम्पनियों द्वारा कर रहीं अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेकर ईनाम भी जीते।
कृषि प्रदर्शनी में कई कम्पनियों ने किसानों के लिए उनकी जरूरत के अनुसार अनुभवी लोगों द्वारा प्रशिक्षण की भी सुविधा उपलब्ध करवाई। मेले में बैंकों ने किसानों के लिए मशीनरी लोन, क्रडिट कार्ड तरह की कई स्कीमों के बारे में किसानों को अवगत कराया। मेले में इस बार बागवानी विभाग ने भी सहयोग दिया। संस्थान के निदेशक ने बताया कि कृषि प्रदर्शनी के जरिये किसान ही नहीं आमजन के लिए आधुनिक व नई तकनीकें लाना कृषि दर्शन किसान मेले का मुख्य उद्देश्य है।