12 Mar 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-भ्रूण हत्या स्हं कलंक देश पै मत इसै अत्यचार करो, फर्क नहीं लडक़ा-लडक़ी म्हं एक सम्मान व्यवहार करो... ये बोल बुधवार को लघु सचिवालय स्थित जिला सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घरेलू हिंसा व बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत लगाई गई कार्यशाला के दौरान सुनाई दिए। एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि अतिरिक्त उपायुक्त सी.जयाश्रद्घा ने शिरकत की।
अपने संबोधन में अतिरिक्त उपायुक्त सी.जयाश्रद्घा ने बाल विवाह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाल विवाह नाबालिग लडक़ी के स्वास्थ्य (शारीरिक और मानसिक दोनों), विकास, स्वतंत्रता, समानता और शिक्षा के अधिकारों को बाधित करता है। उन्होंने कहा कि इसके कारण कई बार कम उम्र में ही नाबालिक मां तक बन जाती हैं, जो सीधा-सीधा उनके जान से भी खिलवाड़ है। ऐसे में इस कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए सरकार भी विशेष रूप से फोकस करते हुए अभियान चला रही है। इसके तहत न सिर्फ जागरूकता अभियान चलाए जा रहें हैं साथ ही कहीं भी बाल विवाह की सूचना मिलती है तो उस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा तुरंत एक्शन लिया जाता है।
अतिरिक्त उपायुक्त सी.जयाश्रद्घा ने कहा कि जागरूकता अभियान को एक व्यापक रणनीति के साथ शुरू किया गया, जिसमें बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता देना, बाल विवाह निषेध कानूनों को मजबूती के साथ लोगों को बताना, रैलियों, कार्यशालाओं और डिजिटल अभियानों के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देना शामिल है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों को बाल विवाह, घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम जैसी बुराइयों के बारे में जागरूक किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह में शामिल सभी नागरिकों, कर्मियों एवं अभिभावकों के ऊपर केस दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती है। भविष्य में इसके लिए हिसार में खास प्लानिंग भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में दो साल का कारावास या एक लाख के जुर्माने का प्रावधान है। घरेलू हिंसा की शिकार महिला किसी भी समय टोल फ्री नंबर 112 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। कॉल उपरांत 3 मिनट के अंदर पुलिस द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। कार्यशाला के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त सी.जयाश्रद्घा ने महिलाओं को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा भ्रूण हत्या न करने की शपथ भी दिलाई।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू राणा ने अपने संबोधन में कहा कि जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों एवं कार्यशालाओं के आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें आम जनता, स्वास्थ्य कर्मियों और शिक्षण संस्थानों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने समाज के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों का विरोध करें और बेटियों को समान अवसर प्रदान करें।
स्वास्थ्य विभाग से डॉ. अनामिका बिश्नोई ने कहा कि भ्रूण हत्या रोकथाम और लिंगानुपात सुधार के प्रति जागरूकता के लिए एक विशेष मुहिम शुरू करनी होगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में कन्या भ्रूण हत्या की कुप्रथा को समाप्त करना और महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है। एडवोकेट गुरप्रीत कौर एवं एडवोकेट रीतू राजपूत ने बाल विवाह एवं घरेलू हिंसा पर विस्तृत तथ्य प्रस्तुत किए। कार्यशाला के दौरान सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के लोक कलाकारों अनिल, आजाद सिंह, तेजपाल, सुंदर ने बेटियों के जन्म, शिक्षा व समृद्ध जीवन यापन जैसे भ्रूण हत्या स्हं कलंक देश पै मत इसै अत्यचार करो-फर्क नहीं लडक़ा-लडक़ी म्हं एक सम्मान व्यवहार करो लोक गीत प्रस्तुत किया।
इस मौके पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह, सीडीपीओ डॉ अनिता दलाल एवं डॉ सुमन पाहूजा, पीपीओ बबीता चौधरी, पीओ सुनीता यादव सहित महिलाएं उपस्थित रहीं।