राहुल गांधी की देशहित की सोच के सामने भाजपा को झुकना पड़ा, जातिगत जनगणना की घोषणा की : लाल बहादुर खोवाल

 

01 may 2025 

न्यूज़ नगरी 

रिपोर्टर-काजल 

हिसार-सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की घोषणा का समर्थन करते हुए हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने इसे सांसद व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संघर्ष व जद्दोजहद की जीत बताया है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई वर्षों से जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। उन्होंने संसद में खुलेआम आह्वान किया था कि जातिगत जनगणना करवाकर ही मानेंगे। भाजपा को राहुल गांधी की इस मांग पर अमल करते हुए जातिगत जनगणना का निर्णय लेना पड़ा है। इसी भांति पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद कुमारी सैलजा भी सार्वजनिक मंचों से जातिगत जनगणना की आवाज बुलंद करती रही हैं।

एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने सरकार से जातिगत जनगणना के लिए टाइमलाइन तय करने की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि तेलंगाना राज्य जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बन गया है। यह देशभर में जाति जनगणना के लिए ब्ल्यू प्रिंट बन सकता है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जाति जनगणना की रूपरेखा तैयार करने का प्रस्ताव भी दिया है। उन्होंने कहा है कि एक बिहार की रूपरेखा है और दूसरी तेलंगाना की और दोनों में बहुत अंतर है। हम जाति जनगणना के माध्यम से विकास का एक नया प्रतिमान लाना चाहते हैं।

खोवाल ने बताया कि राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार आते ही आरक्षण में 50 प्रतिशत की कृत्रिम दीवार को भी तोड़ दिया जाएगा। खोवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की कोशिशों में जुटी है जबकि कांग्रेस हर वर्ग का विकास चाहती है, इसलिए जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की प्रबल समर्थक है।

खोवाल ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद राहुल गांधी ने जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के फार्मूले पर आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की बात अहमदाबाद अधिवेशन में कही थी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा वर्ग को 52 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी लेकिन इंदिरा साहनी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के नौ जजों के संवैधानिक बेंच ने कहा था कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता, इसी वजह से पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया ताकि टोटल आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा ना हो सके। अब राहुल गांधी ने कांग्रेस की सरकार आने पर संविधान में संशोधन करके जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के फार्मूले पर सामाजिक न्याय पर काम करना शुरू किया हुआ है। निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण लागू करवाने की बात कही गई है। खोवाल ने यह भी बताया कि नवनियुक्त कांग्रेस ओबीसी डिपार्टमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल जयहिंद, ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व चीफ जस्टिस ए.पी. वी. ऐश्वर्या, पूर्व जस्टिस यूपी वीरेंद्र यादव व हंसराज जांगड़ा सहित सब सामाजिक कार्यकर्ता जातीय जनगणना व आरक्षण सीमा बढ़ाने आदि की पुरजोर मांग कर रहे थे जो अभी भी अधूरी है।

खोवाल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गरीब, मजदूर, पिछड़े, शोषित व वंचित वर्ग के हितों की लड़ाई लड़ी है। सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते हुए अब कांग्रेस हर वर्ग के समान विकास के लिए कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना व समानता के अधिकार का समर्थन करते हुए कांग्रेस सामाजिक न्याय के लिए कार्य कर रही है।

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