26 SEP 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-आर्य समाज, मॉडल टाउन हिसार के 73वें वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत भी यज्ञ से हुई। यज्ञ में विद्यासागर खन्ना, अशोक गौतम, सुभाष आर्य सपत्नीक यजमान बने। यजमानों व उपस्थित लोगों ने आहुतियां डाली। यज्ञ के ब्रह्मा आर्य समाज के आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने प्रभु हर दिल में वास करता है जर्रे जर्रे में वह समाया है। उसकी महिमा को जानते ही नहीं जिसने संसार यह बनाया है.. .. भजन सुनाकर यजमानों को आशीर्वाद दिया। यज्ञ उपरांत भजन, प्रवचन व सत्संग का आयोजन किया गया। मुजफ्फरनगर से पधारे मुख्य वक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि प्रश्न ये है कि मैं कौन हूं? इसका समाधान देते हुए उन्होंने बताया जैसे मेरी गाड़ी, मेरे से अलग है लेकिन मेरा उस पर अधिकार है, ऐसे ही मेरे हाथ, मेरी आंखें, मेरे कान, मेरा शरीर, यह मेरे से अलग है, लेकिन मेरा इन पर अधिकार है। इसका मतलब है ये मैं नहीं हूं, फिर मैं क्या हूं? मैं हूं चेतन शक्ति, उसका नाम है आत्मा लेकिन वर्तमान में दुनिया के लोग इस शरीर को ही समझ रहे हैं कि यही मैं हूं, इसलिए केवल इसी के लिए सब कुछ कर रहे हैं, आत्मा के लिए कुछ नहीं हो रहा। आओ हम शरीर की सुख सुविधाओं के साथ-साथ आत्मा के लिए पुरुषार्थ करें, वह है धैर्यशाली जीवन, क्षमा शीलता, सत्य व्यवहार, परोपकार, ईश्वर भक्ति आदि धर्म के प्रतीकों को धारण करना।
भजनोपदेशक पण्डित नरेश निर्मल ने जब पाप कोई कर जाता है, हृदय कितना डर जाता है, उठती है नजर बड़ी शरमा कर, इंसान जिंदा मर जाता है.. .. तथा सत्संगति और विमल मति से पत्थर मन कुंदन बन जाए, नीरस सा टुकड़ा शीशे का हाथों का कंगन बन जाए.. .. भजन सुनाकर सत्संग के महत्व को समझाया। इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान सेठ जगदीश प्रसाद आर्य, रामकुमार रावलवासिया, पवन रावलवासिया, वीरेंद्र आर्य, रामपाल आर्य, आनंद गर्ग, सुरेंद्र बेरवाल, मांगेराम आर्य, निर्मला देवी, सुमन बत्रा, रेखा गौतम, सविता वेदांशु आदि उपस्थित रहे।
आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने बताया कि 27 सितम्बर तक रोजाना प्रात: 10.15 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक व सायं 4:30 बजे से 7 बजे तक भजन व प्रवचन होंगे। 28 सितम्बर को कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रात: 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक यज्ञ, भजन, प्रवचन एवं समापन होगा। उसके बाद ऋषिभोज दिया जाएगा।