29 SEP 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-आर्य समाज, मॉडल टाउन हिसार के 73वें वार्षिकोत्सव के पांचवें व अंतिम दिन किये गये यज्ञ में सुरेंद्र बेरवाल, राकेश लांबा, ध्रुव अहलावत, मोहित हंस व मुकेश सपत्नीक यजमान बने। यजमानों व उपस्थित लोगों ने आहुतियां डाली। मानुष मन में जरा विचार, जिसने रचा सकल संसार, ऐसा कारीगर जग से न्यारा कौन है, पृथ्वी सूर्य तेज भंडार, चांद और तारों का विस्तार, इनको चलने का करता है इशारा कौन है.. .. आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने भजन सुना कर यजमानों को आशीर्वाद दिया। यज्ञ के ब्रह्मा व आर्य समाज के आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन, मन की तरंग मार लो बस हो गया भजन.. .. आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने भजन सुना कर यजमानों को आशीर्वाद दिया। यज्ञ उपरांत भजन, प्रवचन व सत्संग का आयोजन किया गया। मुजफ्फरनगर से आये मुख्य प्रवक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे भारत देश के भास्कराचार्य, लीलावती, आर्य भट्ट, आचार्य सुश्रुत, चरक, वरामिहिर आदि सैंकड़ों ऋषियों ने इस देश में गणित, विज्ञान, चिकित्सा, खगोल, भूगोल, आदि पर अनुसंधान करके हमारे समक्ष प्रस्तुत किया था, लेकिन दुर्भाग्य से आज हमारी पीढ़ी को कुछ और ही बताया जा रहा है, जबकि हमारे प्राचीन ऋषि महर्षि ही इन विद्याओं के प्रणेता थे। हमारे सनातन संस्कृति दो अरब वर्ष पुरानी है। जोकि दुनिया में सबसे पुरानी संस्कृति है, आओ उसके बारे में जानें और अपनी संस्कृति और महापुरुषों पर गर्व करें।
भजनोपदेशक पण्डित नरेश निर्मल ने प्रेरणादायी भजन प्रस्तुत किये। मंच का संचालन करते हुए आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी आए हुए श्रोताओं व विद्वानों का धन्यवाद किया। आचार्य योगेश भारद्वाज व पण्डित नरेश निर्मल का आर्य समाज की ओर से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के समापन पर ऋषिभोज दिया गया। इस अवसर पर जगदीश प्रसाद आर्य, रामकुमार रावलवासिया, पवन रावलवासिया, वीरेंद्र आर्य, रामपाल आर्य, आनंद गर्ग, मदन वासुदेवा, राज वर्मा एडवोकेट, ईश्वर सिंह आर्य, अशोक गौतम, ईश आर्य, विनय मल्होत्रा, निर्मला देवी, गीता चोपड़ा, सविता वेदांशु आदि उपस्थित रहे।