19 March 2022
न्यूज़ नगरी
हिसार (कमल)-शहीद यादगार समिति आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे साल भर विभिन्न तरह के आयोजन करेगी। इन आयोजन का थीम सांझी संस्कृति बचाओ अभियान होगी। यह फैसला हिसार में हुई जनसंगठनों की मीटिंग में लिया गया। ये आयोजन 23 मार्च शहीदी दिवस से शुरू होकर 26 जनवरी 2023 तक चलेंगे। आज यहां सर्व कर्मचारी संघ कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शहीद यादगार समिति की ओर से आयोजित इन आयोजनों का उद्घाटन 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीदी दिवस से पंजाबी धर्मशाला में आयोजित एक सेमिनार से होगी। इस सेमिनार का विषय *आजादी का आंदोलन–जन अपेक्षाएं और वर्तमान परिस्थितियां मुख्यवक्ता गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डा सरोज दहिया होंगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री एमएल सहगल, दिनेश सिवाच, हितैष कुमार, नरेश गौतम, सुरेंद्र मान आदि ने बताया कि आजादी के आंदोलन में असंख्य नागरिकों ने कुर्बानियां दी। जिन मूल्यों और आकांक्षाओं के लिए लोग लड़े, जिन्हे संविधान में भी जगह दी गई। यह खेदजनक है कि सभी के लिए न्याय, सम्मान से जीने का अधिकार, बराबरी, स्वतंत्रता, जन तंत्र, संविधान में वर्णित मूल्य, आम नागरिकों के लिए दूर की कौड़ी बने हुए हैं। इन पर सत्ता में बैठे लोगों का रुख हमलवार है। देश की एकता और अखंडता दांव पर है। सरकार अमृत महोत्सव मना रही है। हालत ये हैं कि आजादी के बाद जो चीजें हासिल भी हुई थी वो भी धीरे धीरे आम आदमी से दूर हो रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए हैं। लोगों जातिवाद, क्षेत्रवाद और सांप्रदायिकता की गहरी खाई में धकेला जा रहा है। शहीद यादगार समिति का राज्य स्तर पर पहले ही गठन किया जा चुका है। इस बैनर पर वो गांव, मोहल्लों से लेकर जिला और राज्य स्तर के कार्यक्रम करेगी। शहीद यादगार समिति ने तय किया है कि वो साल भर चलने वाले इन आयोजनों में समाज के विभिन्न तबकों, बुद्धिजीवियों, जनसंगठनों को शामिल करेगी और किसान, मजदूर, महिला, छात्र युवाओं के लिए अनेक तरह के कार्यक्रम आयोजित करेगी।