हिसार शहर की कवियत्री गुरप्रीत कौर सैनी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

 


09 May 2022 

न्यूज़ नगरी 

हिसार (कमल सैनी )-कवि मंच मोहाली की ओर से एक विशेष साहित्यिक कार्यक्रम मोहाली में किया गया, जिसमें मुख्य तौर पर प्रसिद्ध व चर्चित लेखिका गुरप्रीत कौर सैनी प्रीत, हिसार का 'रूबरू कार्यक्रम' करवाया गया, जिसमें उन्हें "लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड" से सम्मानित किया गया, अवार्ड के रूप में एक तलवार, शाल, मोमेंटो, सम्मान पत्र, मेडल तथा नकद राशि दी गई। उन्हें यह सम्मान पंजाबी साहित्य सेवा, समाज सेवा, शिक्षा तथा जीवन भर अनेकों प्राप्तियों के लिए प्रदान किया गया।


गुरप्रीत कौर सैनी हिंदी-पंजाबी दोनों भाषाओं में साहित्य सृजन कर रही है। उनकी पंजाबी में चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, तथा पंजाबी ग़ज़ल-संग्रह जल्दी ही पाठकों के लिए उपलब्ध होगा। इन पुस्तकों में एक पुस्तक लोक-साहित्य, एक जीवनी, काव्य-संगृह तथा एक निबंध-संगृह है। राष्ट्रवादी चिंतक-डॉ केशव बलीराम हेडगेवार नामक पुस्तक का विमोचन पिछले दिनों गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के विशाल सभागार में राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय जी द्वारा किया गया था। गुरप्रीत की एक कहानी 'बेटियां घर का भाग्य' को हरियाणा पंजाबी साहित्य अकैडमी की ओर से पुरस्कृत किया गया है। अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। प्रीत को सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं में  जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य होना, केन्द्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड की सदस्य होना, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकैडमी, पंचकूला की सदस्य होना, रीति-रिवाज़ महिला मंच की अध्यक्षा होकर रीति-रिवाजों की संभाल करना तथा हिसार की बहुत सारी संस्थाओं के साथ जुड़कर सामाजिक कार्य करने के योगदान के बदले उन्हें यह सम्मान चंडीगढ़ व मोहाली के साहित्यकारों की ओर से दिया गया। गुरप्रीत ने शिक्षा जगत में बहुत सी विद्या हासिल की है। मास कम्युनिकेशन की एम.फिल., एम.ए, बी.एड, ज्ञानी, ओटी, संगीत की भास्कर तथा मानवी व्यवहार को पढ़ने के लिए काउंसलिंग एंड बिहेवियर मौडिफिकेशन के डिप्लोमा के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में काफ़ी उच्च विद्या प्राप्त की है।  इनकी आवाज़ रेडियो व दूरदर्शन से अप्रूव्ड वॉइस है और वाणी ट्रेनिंग लेकर अपनी आवाज़ का दमखम कई मंचों पर दिखा चुकी हैं। राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा अन्य बड़े-बड़े मंचों पर मंच संचालन से अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवा चुकी गुरप्रीत के ढेरों कार्यक्रम दूरदर्शन व रेडियो पर प्रसारित हुए तथा वर्तमान में गुरप्रीत गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी में कल्चरल सुपरवाइज़र के पद पर रहकर अपनी सेवाएं भी दे रही हैं। इन्हीं सब उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए, छोटी उम्र में ही की गई अनेक उपलब्धियों के बदले पंजाबी के साहित्यकारों ने इन्हें पंजाबी भाषा को बचाने व प्रसारित करने हेतु भी इस अवार्ड के लिए चुना। कार्यक्रम में एक कवि-दरबार भी किया गया, जिसमें बहुत से प्रसिद्ध पंजाबी कवियों ने अपनी कविताओं व ग़ज़लों से माहौल को और खुशनुमा बना दिया। 


अपने रूबरू कार्यक्रम में गुरप्रीत ने अपनी साहित्यक-यात्रा का वर्णन करते हुए बताया की कविता 'आपबीती' से 'जगबीती' तक जाती है। कवि ख़ुद से लिखना शुरु करता है तथा फिर समाज के सरोकारों की बात करता है। कार्यक्रम में उनकी ग़ज़लों को बहुत सराहा गया, उन्होंने अपनी चार गज़लें तरन्नुम में सुनाकर अपनी प्रतिभा का साबित भी किया कि वो इस छोटी सी उम्र में इस अवार्ड की हकदार हैं।  इस अवसर पर गुरशरण सिंह 'अजीब' लंदन की पुस्तक का भी लोकार्पण  किया गया। कार्यक्रम में मुख्य मेहमान डॉक्टर देवेंद्र सिंह बोहा, ज़िला भाषा अफसर मोहाली तथा विशिष्ट अतिथि साहित्यकार बाबूराम दीवाना प्रधान साहित्य कला एवं संस्कृतिक मंच (रजिस्टर्ड) मोहाली, गज़लगो ज्ञान सिंह दर्दी कैनेडा, "सूलसुराही" मैगज़ीन नंगल के मुख्य संपादक बलवीर सिंह, भगतराम रंगाड़ा, डॉक्टर हरदीप सिंह लोंगिया के अलावा कवि प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल, अमरजीत पटियालवी, रणजोध सिंह राणा, प्रोफेसर मीत खटड़ा, अश्क अमृतसरी के साथ-साथ कई कवियों ने शिरकत की। इस अवसर पर विश्व पंजाबी मंच के सदस्य तथा अन्य संस्थाओं के सदस्य भी मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में कवि मंच मोहाली की ओर से सभी का धन्यवाद किया गया।


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