17-Feb-2024
न्यूज़ नगरी
हिसार-(ब्यूरो)- हिसार के सिरसा रोड़ स्थित उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टीटीसी केंद्र) में आयोजित तीन दिवसीय बारहवे कृषि दर्शन प्रर्दशनी का शुभारंभ उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान हिसार के निदेशक डॉ. मुकेश जैन ने अपने कर-कमलों द्वारा रिब्बन काट कर किया। उनके साथ अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। वही आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय जी ने मेले का दौरा किया। नई-नई तकनीकों के बारे में जाना और मशीनरी के निर्माताओं से मुलाकात की। मेले में भारी संख्या में आए किसानों व आम लोगों ने कृषि प्रदर्शनी में शिरकत की। मेले में आए हुए किसानों ने आधुनिक व नई तकनीकों व मशीनरियों के बारे जानकारियां प्राप्त की। मेले का शुभारंभ होने पर निदेशक मुकेश जैन ने आए हुए गणमान्य लोगों के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
टै्रक्टरों ने आकर्षित किया किसान व आमजन को-ओजा प्रो करेगा कमाल-
जी हाँ, किसानों के काम को करेगा 70 प्रतिशत तक कम। टीटीसी में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले के पहले दिन महिंद्रा कम्पनी ने ओजा प्रो 3136 मॉडल को लाँच किया। इस ट्रैक्टर की खासियत ये है कि खेत की बाड़ी में काम करते हुए जब टै्रक्टर बाहर निकलेगा और चालक स्टैरिंग को घुमायेगा तो टै्रक्टर अपने आप स्प्रै करना बंद कर देगा और साथ ही अपने आप की ब्रैक भी लेगा। यह टै्रक्टर लगभग पूरी तरह से आटोमेटिक है। जिस काम को लेकर चालक को बाद उतरना पड़ता था वो काम यह ट्रैक्टर खुद ही कर लेगा। किसानों के लिए यह ट्रैक्टर वरदान साबित होगा ऐसा कम्पनी का मानना है। पहले लीवर सिस्टम मैनूअल था, रोटावेटर या अन्य साथ में लगे उपकरणों को आगे व पीछे करने के चालक को उतरकर काम करना पड़ता था अब यह कुछ बटनों के जरिये ही हो सकेगा। इसको 100 मीटर से 300 मीटर प्रति घण्टे के हिसाब से भी चलाया जा सकता है। स्टैरिंग एडजैस्टेबल है उसे आगे, पीछे, ऊपर, नीचे किसी भी तरह सेट किया जा सकता है।
ट्रैक्टर चालक के पैरो नहीं लेगेगी गर्म हवा-
टफै कम्पनी का टै्रक्टर एमएफ 8055 का उद्धाटन टीटीसी के निदेशक मुकेश जैन ने मेले के दौरान किया। टै्रक्टर का इंजन 3300 हॉर्स पावर का है लाईव और रिवर्स पीटीओ, डयूल कल्च सिस्टम है। पैरों की हीट ना लगे उसके लिए लैग गार्ड लगा हुआ है। पहले गियर सिस्टम चालक के पैरो में होता था इसमें चालक के साईड में है जिसकी वजह से चालक को बैठने व चलाने में समस्या नहीं आयेगी। मेगा ऑयल ब्रैक सिस्टम है जिससे बेकिंग सिस्टम में बहुत सुधार आया है। ग्राऊण्ड कलीरेंस औरो के मुकाबले काफी ज्यादा है।
-हवा से ठण्डा होगा टैक्टर-
कृषि प्रदर्शनी के दौरान मैसी कम्पनी ने 5225 टै्रक्टर का उद्धाटन किया। यह ट्रैक्टर अपने आप को ठण्डा हवा के जरिये ही कर सकेगा। इस ट्रैक्टर का इंजन 1300 सीसी का है, दो तरह की पीटीओ सिस्टम है, वजन उठाने की क्षमता 750 कविंटल है, पिछले एक्सल को 28 इंच से 39 इंच तक बढ़ाया जा सकता है। इस ट्रैक्टर का उपयोग संकरी जगह पर छिडक़ाव के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। किसान गन्ने की खेती के साथ सब्जी या और भी कई तरह की खेती करते है उसमें यह ट्रैक्टर काफी मददगार सिद्ध होगा।
-डोल बनेगी मजबुत और बिना मेहनत के-
किसानों को फसलों की सिचांई के लिए खेतों में मिट्टी को डोल बनानी पड़ती है जिससे वो खेत में अपनी जरूरत के हिसाब से पानी पहुंचा सके। गर्मी हो या सर्दी किसानों को हर मौसम में यह काम करना पड़ता था। कभी कहीं से टूट जाना उसे बार-बार संभालना, बारिश व गर्मी के मौसम में खासा परेशान होना पड़ता था। इससे निजात दिलायेगा गुरबाज मशीनरी का टै्रक्टर चालित बंड जोकि सभी प्रकार के खेत में काम करेगा चाहे वो सुखा हो या पानी से भरा हो। इसके द्वारा बनाई गई डोल काफी मजबुत होगी। किसानों को इससे काफी फायदा होने वाला है और यह भारतीयों के द्वारा बनाया गया है।
-खेत एक छोर से दूसरे छोर तक होगा बराबर-
अगर खेत उबड-खाबड़ हो तो सिचांई करना काफी मुश्किल रहता है पैदावार भी कम होती है। किसानों को उतना फायदा नहीं हो पाता जितना होना चाहिए। इसी चीज को मद्देनजर रखते हुए गुरबाज मशीनरी ने किसानों के लिए जमीन समतल करने की मशीन बनाई है जोकि 7 फीट से लेकर 10 फीट तक घटाई व बढ़ाई जा सकती है। एक छोर से दूसरे छोर तक एक एमएम का भी फर्क नहीं आयेगा ऐसा कम्पनी का दावा है। इस मशीन को उपयोग करके पैदावार तो ज्यादा की ही जा सकती है साथ ही पानी की भी बचत की जा सकती है। यह मशीन किसानों को बहुत ही पसंद आई। भूमि के सूक्षम जीव जल कर खत्म हो जाते है। जैविक खाद का निर्माण बंद हो जाता है। जमीन कठोर हो जाती है और उसकी उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। जमीन में नमी कम हो जाती है।
किसान पराली या फसलों के अवशेषों को न जलाए इसके लिए कृषि मेले आए हुए किसानों को पर्यावरण संरक्षण व पराली के आर्थिक फायदों की जानकारी दी। किसानों ने पराली की गांठे बनाने वाली मशीन बेलर की काम करने की प्रक्रिया, मिल्चर मशीन से नाड़ को खाद में बदलने की विधि से रूबरू हुए। इस विधि से किसानों को अपने खेतों के लिए कम खाद का इस्तेमाल करना पड़ेगा साथ ही जो फसल होगी पौष्टिकता के साथ साथ उसकी पैदावार भी अच्छी होगी। मेले में मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने की जानकारी, खेती समस्याओं की जानकारी व उनके समाधान, कृषि सम्बंधित लोन की सुविधा, खेती मशीनरी की जानकारी, उन्नत बीज, कीटनाशक व उवर्रक की जानकारी, आधुनिक व नई तकनीक वाले कृषि यंत्रों की जानकारी के अलावा इरीगेशन, ग्रीन हाऊस, पम्प व पाईप की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई। किसान कैसे कम लागत में कम भूमि पर अधिक पैदावार करें, इस बारे में उसे नई तकनीकों से रूबरू करवाया गया। कृषि प्रदर्शनी में कई कम्पनियों ने किसानों के लिए उनकी जरूरत के अनुसार अनुभवी लोगों द्वारा प्रशिक्षण की भी सुविधा उपलब्ध करवाई। मेले में बैंकों ने किसानों के लिए मशीनरी लोन, क्रडिट कार्ड तरह की कई स्कीमों के बारे में किसानों को अवगत कराया। मेले में इस बार बागवानी विभाग ने भी सहयोग दिया। संस्थान के निदेशक ने बताया कि कृषि प्रदर्शनी के जरिये किसान ही नहीं आमजन के लिए आधुनिक व नई तकनीकें लाना कृषि दर्शन किसान मेले का मुख्य उद्देश्य है।