हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग को बरगलाने की कोशिश कर रही भाजपा : लाल बहादुर खोवाल

 


हिसार(ब्यूरो) - हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पिछड़ा वर्ग के लिए की गई घोषणाओं को हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने चुनावी स्टंट बताया है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि पिछले दस वर्षों से केंद्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार है लेकिन भाजपा ने कभी पिछड़ा वर्ग की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि दोनों बार बड़े-बड़े वादे करके और पिछड़ा वर्ग को बरगलाकर भाजपा ने वोट बटोरे हैं। अब अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा एक बार फिर वही स्टंट रच रही है। अब बैकवर्ड समाज को भ्रमित करने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं की जा रही हैं। खोवाल ने कहा कि अब भाजपा का पर्दाफाश हो चुका है और जनता उसके बहकावे में नहीं आने वाली है।

एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व कुमारी सैलजा ने पिछड़ा वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने के लिए जातीय जनगणना करवाने, पचास प्रतिशत की कैप को खत्म करने, जनसंख्या के मुताबिक आरक्षण का प्रावधान करने सहित सभी मांगों को पूरा करने का आह्वान किया है, इसलिए भाजपा बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि पिछड़ा वर्ग की सच्ची हितैषी है तो तुरंत प्रभाव से जातीय जनगणना करवाकर उस जनगणना के अनुसार पिछड़ा वर्ग को सुविधाएं प्रदान करने की हिम्मत दिखाए।


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उन्होंने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों और झूठे वादों के चलते आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाकर सत्ता से बाहर कर देगी। इस संभावित हार से बौखलाकर भाजपा झूठी घोषणाएं कर रही है। खोवाल ने कहा कि यह कटु सत्य है कि हरियाणा में पिछड़ा वर्ग की जीवन रेखा से जुड़ी हुई न्यायसंगत व संवैधानिक मांगों को भाजपा द्वारा लगातार अनदेखी व अवहेलना की गई है। इस पक्षपात व अन्याय के कारण पिछड़ा वर्ग में गहरा आक्रोश व असंतोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा हरियाणा में हारी गई पांच संसदीय सीट पर मत प्रतिशत से जनता की नाराजगी का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

एडवोकेट खोवाल ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई क्रीमीलेयर की गैरकानूनी व असंवैधानिक अधिसूचना क्रमांक 491 संख्या (1) 2021 दिनांक 17 नवंबर 2021 को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए एवं जो अधिसूचना हरियाणा में सन 1995 से 2016 तक लागू चली आ रही थी वही अधिसूचना क्रमांक संख्या 1170 एसडब्ल्यू 195 चंडीगढ़  दिनांक 7.6 .1995 को ही पुन: बहाल किया जाए जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के नौ जजों के संवैधानिक बेंच के फैसले व केंद्र सरकार की अधिसूचना दिनांक 8 सितंबर 1993 के अनुसार पूरे भारतवर्ष के राज्यों में व केंद्र में लागू है। उन्होंने कहा कि वही अधिसूचना सन 1995 से 2016 तक हरियाणा राज्य में भी लागू चली आ रही थी तथा इसमें कर्मचारियों का वेतन व कृषि आमदनी को भी शामिल नहीं किया गया था इसके इलावा क्रीमीलेयर के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 24. 8. 2021 को पिछड़ा वर्ग के हक में निर्णय दे रखा है फिर भी हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई उपरोक्त अधिसूचना क्रमांक 491(1)2021 दिनांक 17 नवंबर 2021 जो कि सीधे तौर पर माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले की उल्लंघना है क्योंकि अधिसूचना में मूल व्याख्या को ही बदल दिया गया है जो कि सरासर गलत व असंवैधानिक है। भाजपा को हरियाणा में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की तर्ज पर प्रथम व द्वितीय श्रेणी में भी 27 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में भी पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के मुताबिक टिकटें दे तथा संगठन में इसी तर्ज पर भागीदारी सुनिश्चित करें।

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