याशी कम्पनी के उम्मीदवार हैं डा. कमल गुप्ता: गौतम सरदाना



न्यूज़ नगरी 

15 Sep 2024 

हिसार (ब्यूरो) -  आजाद उम्मीदवार गौतम सरदाना ने कहा है डा. कमल गुप्ता भारतीय जनता पार्टी के नहीं बल्कि याशी कंपनी के उम्मीदवार है। यह वहीं कंपनी है, जिसने प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे में फर्जीवाड़ा एवं घोटाला करके हिसार वासियों को दो सालों तक धक्के खाने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल 2022 को नगर निगम हाउस द्वारा याशी कंपनी की पेमेंट रोकने, सर्वे दोबारा करवाने एवं सर्वें की जमीनी स्तर पर जांच करवाने की मांग के बावजूद भी शहरी निकाय विभाग के मंत्री डा. कमल गुप्ता ने उस कंपनी को न केवल क्लीन चिट दे दी, बल्कि उसकी पेमेंट तुरन्त करवा दी। उन्होंने कहा कि शहर के 90,000 लोगों को नगर निगम के चक्कर कटवाने वाली याशी कंपनी का पक्ष लेकर डा. कमल गुप्ता ने हिसार व हरियाणा वासियों के जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम किया है। गौतम सरदाना ने कहा कि हिसार की जनता को दर-दर की ठोकरे खिलाने वाली कंपनी के हिमायती की जमानत इस बार के विधानसभा चुनावों में हर हाल में जब्त होगी। उन्होंने कहा याशी कंपनी टिकट तो दिलवा सकती है, मगर वोट नहीं। उन्होंने कहा कि हिसार की जनता उनकी आवाज उठाने वाले अपने बेटे गौतम सरदाना को के पक्ष में ही मतदान करेगी। हिसार विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी श्री सरदाना पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कंपनी के खिलाफ हिसार नगर निगम हाउस ने खुले आम लिखकर इसके खिलाफ कार्यवाही की वकालत की थी, उसके बावजूद भी मंत्रालय ने 18 करोड़ की बजाय 58 करोड़ रुपये का बोगस भुगतान करवा दिया। उन्होंने कहा कि याशी कंपनी सर्वे की फिजिकल वेरिफिकेशन किए बगैर ही के अधिकारियों पर दबाव डाल कर साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी करके कम्पनी को करोड़ों रुपये पेमेंट करवा दी। जो कि कानूनी तौर पर पूर्ण रूप से गलत थी। इसी प्रकार डा. कमल गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्वतमान मेयर गौतम ने कहा कि डा. गुप्ता के इशारे पर ही शहरी निकाय निदेशालय व नगर निकायों के अधिकारियों ने याशी कंपनी फर्जीवाड़े का फिजिकल रिकॉर्ड विजिलेंस को नहीं सौंपा था। जिसके कारण हिसार एवं पूरे प्रदेश वासियों को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा।


 हिसार के 90,000 लोगों को कटवाए थे चक्कर:-

आजाद उम्मीदवार गौतम सरदाना ने कहा कि याशी कंपनी ने अकेले हिसार शहर में ही एक लाख प्रॉपर्टी के साथ-साथ 50 लाख खाली प्लाटों को भी अपने सर्वे में दिखाकर आम जनता को नगर निगम के बार-बार चक्कर काटने पर मजबूर कर दिया। जिसके चलते प्रदेश भर के 8.02 लाख संपत्ति मालिकों ने ऑब्जेक्शन दर्ज कराए थे। निकाय विभाग के प्रॉपर्टी आईडी/एनडीसी पोर्टल पर 16 नवंबर, 2022 से दिनांक 21 मार्च 2024 के बीच कुल 8,02,480 संपत्ति मालिकों ने कुल 18,74,676 आपत्तियां दर्ज करवाई।


पांच प्रतिशत की बजाय 95 प्रतिशत गलत था सर्वे:-

आजाद उम्मीदवार गौतम सरदाना ने कहा है कि टेंडर नियमों के अनुसार कंपनी के सर्वे में यदि पांच प्रतिशत से अधिक गलती, खामियां या कोई कमी मिलती है तो उसे यह सर्वे दोबारा करना होगा। यदि सर्वे में इससे अधिक गलतियां पाई जाती है तो कंपनी पर दोबारा सर्वे व 2 से 4 गुणा जुर्माने का प्रावधान था। तथा 20% से ज्यादा गलती पर टेंडर रद्द किया जाना था। लेकिन इन सब बातों दरकिनार किया गया। मगर यहां तो याशी कंपनी ने जो सर्वे किया वह 95 फीसदी ही गलत था। उसके बावजूद भी कंपनी को बिना किसी फिजिकल वेरिफिकेशन के इसका भुगतान करवा दिया गया। जो कि नियमों के पूर्ण रूप से गलत था। उन्होंने कहा की इस मामले में मैंने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किया लेकिन मेरी सारी कोशिशों को रुकवाने का काम किया गया।

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