हरियाणा में लगातार दूसरे दिन कोहरे का कहर,कोहरे के चलते तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित,हादसों का बढ़ा खतरा

 

13Nov 2024 

न्यूज़ नगरी 

हिसार(ब्यूरो)-ठंड का असर अभी पूरी तरह शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन मौसम में आए बदलाव के चलते सोनीपत में पहली बार घना कोहरा छा गया, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। घने कोहरे के कारण शहर और हाईवे दोनों जगहों पर दृश्यता बेहद कम रही।

हरियाणा में सर्दी का असर बढ़ता जा रहा है। बुधवार को लगातार दूसरे दिन कोहरे का असर दिखा, जिससे सुबह के समय दृश्यता घटकर केवल 20 मीटर रह गई। कोहरे के चलते वाहन चालकों को सड़क पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, तापमान में गिरावट और वातावरण में ओस का प्रभाव भी देखा गया।

चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ के अनुसार, हरियाणा के अधिकतर क्षेत्रों में 12 नवंबर को स्मॉग की स्थिति बनी, जो दोपहर बाद जाकर कुछ हद तक कम हुई। स्मॉग का प्रमुख कारण कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के चलते पुरवाई हवाओं का धीमी गति से चलना था, जिससे वातावरण में नमी बढ़ी और धूल तथा प्रदूषक तत्व निचले स्तर पर संघनित हो गए।

मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा में मौसम 17 नवंबर तक परिवर्तनशील और शुष्क बने रहने की संभावना है। 13 और 14 नवंबर को उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते स्मॉग में थोड़ी कमी आ सकती है। 14 नवंबर की रात से एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 15-16 नवंबर को पुरवाई हवाओं के चलते बीच-बीच में आंशिक बादल और हल्की स्मॉग की स्थिति बने रहने का अनुमान है। इसके बाद 17 नवंबर से उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं मध्यम गति से चलने लगेंगी, जिससे दिन के तापमान सामान्य और रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है।

कोहरे और स्मॉग के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सड़क यातायात में कोहरे के चलते वाहन चालकों को अधिक सतर्कता बरतनी पड़ रही है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर और गिरते तापमान से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।

सर्दी के मौसम की पहली धुंध व कोहरे ने बुधवार सुबह रोहतक शहर को अपनी आगोश में ले लिया। दृश्यता 50 मीटर से भी कम होने के कारण सड़कों पर वाहन रेंग कर चले। यातायात पुलिस ने वाहन चालकों को सावधानी से ड्राइविंग करने की सलाह दी है। मंगलवार रात को ही मौसम में बदलाव महसूस होने लगा था।

रात 10 बजे ही स्मॉग छाने लगा था, क्योंकि ठंड बढ़ने के साथ ही धुआं नीचे आने लगा। सुबह तक मौसम पूरी तरह बदल गया और शहर को कोहरे व धुंध ने अपनी आगोश में ले लिया। पहली धुंध के चलते सुबह-सुबह ड्यूटी पर जाने वाले लोगों को काफी दिक्कत हुई। क्योंकि सड़कों पर वाहन धीमी गति से चल रहे थे। इतना ही नहीं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी भी धुंध के चलते परेशान नजर आए। 

मंगलवार रात 10 बजे जहां शहर का एक्यूआई 371 था, जो बुधवार सुबह आठ बजे 206 दर्ज किया गया। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि अब भी प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। हवा की गति तेज होने पर ही प्रदूषण का स्तर कम होगा और धुंध भी छटेगी।

ठंड का असर अभी पूरी तरह शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन मौसम में आए बदलाव के चलते सोनीपत में पहली बार घना कोहरा छा गया, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। घने कोहरे के कारण शहर और हाईवे दोनों जगहों पर दृश्यता बेहद कम रही। कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई, जिससे आवागमन में बाधा आई और यातायात प्रभावित हुआ।

ग्रामीण इलाकों में दृश्यता 50 मीटर तक सिमट गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में दृश्यता केवल 100 मीटर तक रह गई। नेशनल हाईवे के साथ-साथ केजीपी और केएमपी एक्सप्रेसवे पर भी कोहरे के चलते वाहन धीमी गति से चलते नजर आए।

कोहरा छाने के साथ हवा का प्रवाह थम गया, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में भी बढ़ोतरी हुई है। सुबह एक्यूआई 313 दर्ज किया गया, जो "खराब" श्रेणी में आता है। साथ ही, वातावरण में पीएम-10 का स्तर 500 और पीएम-2.5 का स्तर 494 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण के कारण लोगों को विशेष रूप से सांस की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

चिकित्सकों ने लोगों को सलाह दी है कि कोहरे और प्रदूषण के इस मौसम में विशेष एहतियात बरतें। बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें और विशेषकर सांस के मरीज इस मौसम में अधिक सतर्क रहें। उच्च प्रदूषण के स्तर को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है, ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।

बुधवार की सुबह झज्जर में सीजन का पहला घना कोहरा छाया रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। मंगलवार रात से ही ठंडी हवाएं चलने लगी थीं, जिसके चलते बुधवार तड़के 4 बजे से कोहरा छाने लगा। समाचार लिखे जाने तक कोहरा बना हुआ था, और दृश्यता केवल 20 से 25 मीटर तक सीमित रही, जिससे वाहन चालकों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। इस स्थिति को देखते हुए यातायात पुलिस ने वाहन चालकों को कोहरे में धीमी गति से चलने और अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

कोहरे का असर सुबह 8 बजे तक भी बना रहा। इस दौरान गहरी धुंध के बीच स्कूली बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। झज्जर में स्कूल का समय अभी पुराने अनुसार ही चल रहा है, हालांकि 15 नवंबर से इसे बदल दिया जाएगा। अभिभावकों और बच्चों ने कोहरे के बीच स्कूल पहुंचने में सावधानी बरती।


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