27 Nov 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीओडीएसटी) में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस का आयोजन कुलपति डॉ. राजा शेखर वुंडरू (आईएएस) के मार्गदर्शन में किया गया। यह दिवस हर साल 26 नवंबर को डॉ. वर्गीस कुरियन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें भारत में दुग्ध क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है। यह दिन उनके दूध उद्योग मं् महत्वपूर्ण योगदान और दृष्टांत नेतृत्व को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर सुभाष जांगड़ा, उप निदेशक पशुपालन एवं डेयरी तथा सम्मानित अतिथि डॉक्टर गुलशन नारंग डीन पशुचिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय उपस्तिथ रहे।
सीओडीएसटी के अधिष्ठाता डॉ. शरणगौड़ा बी पाटिल ने मुख्य अतिथि सहित शिक्षकों, छात्रों, प्रतिभागियों और उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के तहत साइकिलिंग और मैराथन प्रतियोगिता, डेयरी उत्पाद निर्माण और बिक्री जैसे विभिन्न कार्यकर्मो का डॉ इंदु और डॉ संदीप कुमार दुहन के नेतृत्व मे आयोजन किया गया। साइकिलिंग और मैराथन प्रतियोगिता मे मिस्टर अजय, पैरावेटरनरी विज्ञान संस्थान ने प्रथम पद हासिल किया वही गौरव यादव एवं क्षितिज ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्तः किया। डॉ. सुभाष जांगड़ा, डॉ. गुलशन नारंग और डॉ. शरणगौड़ा बी पाटिल ने विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरित करके छात्रों का हौसला अफजाई किया।
डॉ. शरणगौड़ा बी ने दूध और इसके पोषण के महत्व पर चर्चा करते हुए कॉलेज द्वारा उपभोक्ताओं में जागरूकता फैलाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि सीओडीएसटी समाज की सेवा के उद्देश्य से कैसे काम कर रहा है। साथ ही, उन्होंने बी.टेक (डेयरी टेक्नोलॉजी) के छात्रों की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि छात्र आईसीएआर-जेआरएफ जैसी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कई छात्रों ने प्रतिष्ठित संगठनों में नौकरी प्राप्त की है, जबकि अन्य ने राष्ट्रीय, केंद्रीय और राज्य संस्थानों में उच्च अध्ययन के लिए कदम बढ़ाया है।
डॉ. शरणगौड़ा बी ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने में सीओडीएसटी के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित महाजन ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस आयोजन में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।