30 Dec 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-नवजात बच्चों को माता-पिता द्वारा निर्जन स्थानों पर या झाडि़य़ों में छोड़े जाने के मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई तुरंत कार्रवाई करती है। बकायदा इसके लिए दी गयी हिदायतों की भी विभाग द्वारा पालना की जा रही है, यह बात
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुनीता यादव ने कहीं।
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा मामला सामने आ जाता हैं, जहां पैदा होने वाले बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा या किसी परिजन द्वारा लावारिस हालात में सुनसान स्थान या फिर झाडि़य़ों में छोड़ दिया जाता है, जो सरासर गलत है। इतना ही नहीं, कई बार तो बच्चों को अवैध रूप से गोद तक दे दिया जाता है। यह न केवल बच्चों के अधिकारों का हनन है, बल्कि यह किशोर न्याय अधिनियम के तहत एक अपराध है। उन्होंने समाज के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई नागरिक बच्चे को पालना नहीं चाहता या अपने साथ रखने में असमर्थ है तो उसे झाडिय़ों में या लावारिस हालत में न छोड़े। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे बहुत से माता-पिता है जो संतान से वंचित है। ऐसे में आप बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने जिला बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से सरेंडर कर सकते हैं। सरेंडर करने के बाद बच्चे को गोद प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता हैं तथा बच्चों को संतानहीन दंपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद दिया जा सकता है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुनीता यादव ने कहा कि यदि नागरिक अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं तो वे महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे सरकारी तथा गैर सरकारी बाल देखभाल गृहों में रखे गए पालना घर में भी बच्चों को छोड़ के जा सकते हैं, जहां उनसे किसी प्रकार की पूछताछ भी नहीं की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी नागरिक को किसी लावारिस बच्चे की सूचना मिलती हैं तो तुरंत बाल कल्याण समिति कार्यालय के कमरा नंबर-20, जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के कमरा नंबर 16-19, रेड क्रॉस सोसायटी प्रशासनिक भवन-ए नजदीक सेंट्रल जेल हिसार या फिर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098 पर भी सूचना दे सकते हैं।