03 Jan 2025
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिले में शीतलहर के बढ़ते प्रकोप के चलते बागवानी फसल के काश्तकारों को सलाह दी जाती है कि वे बागवानी फसलों को शीतलहर से बचाने के यथासंभव उपाय करें। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने नये बाग लगाये हुए हैं उन पौधों को पराली इत्यादि से ढकें व नियमित सिंचाई करते रहें। इसी प्रकार खरबूजा, तरबूज, खीरा, टमाटर व बेल वाली सब्जियों की बिजाई की है उन्हें लॉ-टनल तकनीक का प्रयोग करके ढकने व नियमित सिंचाई करते रहें। इसके साथ-साथ धुआं इत्यादि का प्रयोग करके भी फसलों को अत्याधिक पाले या ठंड से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बागवानी फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ प्रीमियम राशि 2.5 प्रतिशत सब्जियों व मसालों के लिए 750 रुपये प्रति एकड़ तथा फलों के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ देना होगा। सब्जियों एवं मसालों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 15000 रुपये व अधिकतम 30000 रुपये तथा फलों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि 20000 रुपये व अधिकतम 40000 रुपये होगी। किसान बीमा योजना हेतु अपना पंजीकरण विभाग की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट हॉर्ट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट आईएन पर कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत 23 सब्जियों की फसलें जैसे अरबी, भिंडी, करेला, लौकी, बैंगन, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, मिर्च, खीरा, ककड़ी, खरबूज, प्याज, मटर, आलू, कद्दू, मूली, तोरई, टिंडा, जुकिनी, टमाटर, तरबूज, 21 फल की फसलें जैसे आंवला, बेर, चीकू, खजूर, ड्रैगन फल, अंजीर, अंगूर, अमरूद, जामुन, किन्नू, लेमन, नींबू, लीची, मालटा, संतरा, आम, आडू, नाशपाती, आलूबुखारा, अनार, स्ट्रॉबेरी व 2 मसाले की फसलें जैसे हल्दी व लहुसन को शामिल किया गया है। इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/डै्रन का टूटना, जलभराव), आंधी, तुफान व आग से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु लागू किया गया है।