न्यूज़ नगरी
15 Feb 2025
हिसार (ब्यूरो)-टीटीसी में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का आगाज हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी के कर कमलों द्वारा हुआ। टीटीसी के निदेशक डॉ. मुकेश जैन ने फूलों का बुके दे कर उनका स्वागत किया। माननीय मुख्यमंत्री जी ने रिब्बन काट कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कैबिनेट मंत्री (पीडब्ल्यूडी) श्री रणबीर सिंह गंगवा की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की माननीय संयुक्त सचिव श्रीमति एस. रूकमणी जी थे। अतिथि के तौर पर डॉ. कमल गुप्ता पूर्व मंत्री, विनोद भ्याना एमएलए हांसी, रण्धीर पनिहार एमएलए नलवा, अशोक सैनी बीजेपी जिला अध्यक्ष जी मौजूद थे।


माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी ने अलग-अलग कम्पनियों के ट्रैक्टर का उद्घाटन किया। मेले में भ्रमण किया और नई व आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी ली। हवा में ड्रोन को उड़ा कर भी देखा। मोंट्रा कम्पनी के इलैक्ट्रिक ट्रैक्टर का उद्घाटन किया। डॉ. मुकेश जैन ने माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी, एचएयू के कुलपति प्रो. बलदेव राज कम्बोज व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की माननीय संयुक्त सचिव श्रीमति एस. रूकमणी जी, डॉ. कमल गुप्ता पूर्व मंत्री, विनोद भ्याना एमएलए हांसी, रण्धीर पनिहार एमएलए नलवा, अशोक सैनी बीजेपी जिला अध्यक्ष जी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और दिल से आभार व्यक्त किया माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जीे ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और जमीन से जुड़ा हुआ हूँ। इस प्रदर्शनी में किसानों के लिए अलग-अलग मशीनें और तकनीके आई हुई है जिसे किसान अपनी खेती में इस्तेमाल करके अपनी आमदन को बढ़ा सकता है। उन्होनें कहा कि इस प्रदर्शनी में किसानों के लिए भरपूर मात्रा में जानकारी है जिससे वह कैसे अपनी ऊपज को बढ़ा सकता है और आय के नए नए साधनों को स्थापित कर सकता है। उन्होनें अपने भाषण में भारत सरकार द्वारा किये गये कार्यों के बारे में भी बताया। पराली के प्रबंधन, पानी की समस्या आदि के बारे में चर्चा की।

इलैक्ट्रिक ट्रैक्टर का उद्घाटन-
मोंट्रा कम्पनी ने प्रदर्शनी के पहले दिन अपने ई-27 इलैक्ट्रिक ट्रैक्टर का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री जी से करवाया। 27 हॉर्स पावर का यह ट्रैक्टर खुबियों से भरपूर है। पहले दिन ये मेले में आकर्षण का केंद रहा। मात्र 30 रूपये की लागत में ये एक घण्टे तक काम कर सकता है। सभी प्रकार के उपकरणों के साथ काम कर सकता है। इसको चार्ज होने में लगभग 4 घण्टें लगते है और एक बार चार्ज होने पर 4 से 6 घण्टे तक काम कर सकता है। प्रदुषण फ्री है, चलाने में काफी स्मुथ है, पहले 1000 ट्रैक्टरों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी है। 5 टन वजन खींच सकता है।

प्राकृतिक कृषि अपनाएं लागत घटाएं उपज बढ़ाएँ -
प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर फसलें खाने में स्वादिष्ट, अधिक पोषण युक्त और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। आज के समय किसानों द्वारा अधिक उत्पादन के चक्कर में दवाईयां और खाद का अधिक उपयोग करते है जिससे उनकों फसलों में उत्पादन तो ज्यादा मिल जाता है लेकिन पोषकता में मामले में बहुत पीछे रह जाते है। अभी तक हम ओरगैनिक खेती की बात कर रहे थे। जोकि आज की जरूरत भी है लेकिन हमें जो हमारा मूल है प्राकृतिक खेती उस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
जंगलों की मिट्टी में ऐसा क्या है जो भी चीज वहां उगती है वह पोषकता से भरपूर होती है। सभी प्रकार के मिनरल मिलते है। खाने में स्वाद होता है, सुपाचय होती है। कम जगह पर ऊपज ज्यादा होती है। कीटनाशक तो इस्तेमाल ही नहीं होते। यह गुण होता है उसकी मिट्टी में।
अभी तक की रिसर्च में पाया गया है कि केचुएं गोबर से ही खाद बना सकते है। लेकिन शामली से बायो नेचर फार्म की तीन साल की रिसर्च के अनुसार केचुएं केवल गोबर से नहीं बल्कि लकड़ी व जड़ी बुटियों को भी 15 दिन में मिट्टी में बदल सकते है। ओर्गेनिक ह्यूमस बनाने की प्रक्रिया में लकड़ी और जड़ी बुटियों को धरती के जीव, विशेष रूप से केचुओं को खिलाया जाता है। केचुओं द्वारा अपशिष्ट के रूप में प्राप्त मल मुत्र प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर होती है। जो मिट्टी के स्वास्थ्य और पौधों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
ओर्गेनिक ह्यूमस पौधों के प्राकृति पोषण को बढ़ाकर रसायनिक उर्वरकों (केमिकल) पर निर्भरता को कम करने में सुधार करता है। जड़ी बुटियों से प्राप्त पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है। पौधों के लिए पोष से भरपूर टॉनिक है, इसमें आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होती है, जो जड़ों को मजबूती प्रदान करता है, पत्तियों को हरा-भरा बनाए रखता है और फूलों के गुणवत्ता में सुधार करता है। जड़ो की वृद्धि को तेज करता है पौधे के सम्पूर्ण विकास में सहायक होते है और इसकी सेहत को बनाए रखता है। मिट्टी के सूक्ष्मजीवों की सक्रियता को बढ़ावा देता है। मिट्टी की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है जिससे वे अधिक स्वस्थ रहते है।
तैयार और उपयोग की विधि
ड्रीप विधि (प्रति एकड़)
15 किलो वर्म ह्यूमस, 1 किलो गुड़ को 150 लीटर पानी में 24 से 36 घण्टों तक भिगोंकर रखें और इस घोल को बीच बीच में 3 से 4 बार हिलाएं। भीगने के बाद, घोल को छान लें ताकि ठोस कण अलग हो जाएं।
ड्रिप सिंचाई के माध्यम से खेत में डालें और फसल की जरूरत के अनुसार 1-4 बार उपयोग कर सकते है।