05 SEP 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-आपका चुनाव ही आपका भविष्य निर्धारित करता है। इसी संदेश को लेकर हिसार जिले के हांसी उपमंडल के गाँव कुतुबपुर निवासी युवा समाजसेवी राहुल शर्मा ने नशा मुक्ति अभियान को नई दिशा दी है। नशे के कारण टूटते परिवारों और बर्बाद होते जीवन को देखकर उन्होंने यह ठाना कि आने वाली पीढ़ी को इस जहर से बचाना ही उनका जीवन उद्देश्य होगा।
वर्तमान में सिविल अस्पताल हिसार में जिला सुकून काउंसलर के पद पर कार्यरत राहुल शर्मा बीते 8 वर्षों से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मास्टर वालंटियर के रूप में सक्रिय हैं। इस दौरान वे 400 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं, जिनसे 2 लाख से अधिक लोग सीधे तौर पर जुड़े हैं। हजारों युवाओं ने नशा न करने की शपथ ली है, जिनका रिकॉर्ड मंत्रालय के पोर्टल पर दर्ज है।
राहुल शर्मा का अभियान केवल मंच तक सीमित नहीं है। वे सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और विभिन्न विभागों के माध्यम से भी लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। इस प्रयास का असर अब जमीन पर भी दिखने लगा है, जिनमें बरवाला की एक बेटी ने पिता को नशा मुक्ति केंद्र पहुंचाकर इलाज शुरू करवाया, हिसार के एक युवक ने अपने रिश्तेदार को नशा मुक्ति केंद्र पहुंचाया ओर इसी प्रकार सोशल मीडिया से प्रेरित होकर एक महिला ने अपने बेटे का उपचार करवाया और उसकी जिंदगी को नई राह दी। राहुल शर्मा अपनी पहचान प्रदेश तक सीमित नहीं रखते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सक्रिय हैं। वे लीड इंडिया और अमेरिकी दूतावास, नई दिल्ली से युवा नेतृत्व प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लिया गया है।
राहुल का मानना है कि नशा अपराध नहीं, बल्कि मानसिक बीमारी है, जिसका इलाज संभव है।” उनका सुझाव है कि नशे से पीड़ित व्यक्ति को दोषी मानने के बजाय मित्रवत व्यवहार कर उपचार के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों की गलतियों पर उन्हें मारपीट न करें, बल्कि काउंसलिंग और उपचार की राह दिखाएँ। गलत संगत से बचाएँ, अनावश्यक पैसे न दें और विवाह-पार्टियों में नशे की सटल रोकने की दिशा में कदम उठाएँ।
आज राहुल शर्मा का प्रयास एक व्यक्ति का संघर्ष न रहकर जन आंदोलन बन चुका है। हजारों परिवार अपने बच्चों को नशे से बचाने और भविष्य सुरक्षित करने के लिए इस मुहिम से जुड़ रहे हैं। राहुल का कहना है कि नशा न करने का छोटा-सा संकल्प किसी व्यक्ति ही नहीं, पूरे समाज को अंधकार से निकालकर उजाले की ओर ले जा सकता है।