28 October 2024
न्यूज़ नगरी
हिसार(ब्यूरो)-गुरुकुल आर्यनगर के 60वें वार्षिक महोत्सव के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने एवं आर्थिक सहयोग करने के लिए गुरुकुल के पदाधिकारियों ने आभार जताया है। गुरुकुल के महामंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि समाजसेवी दानवीर राजेंद्र गावडिय़ा ने गुरुकुल में 10 कमरों का निर्माण करवाकर अतुलनीय सहयोग किया है। इस पुनीत कार्य के लिए गुरुकुल कार्यकारिणी सदैव उनकी आभारी रहेगी। इसी भांति गन्नौर के दानवीर पालाराम ने दो लाख, दिल्ली के कृष्ण मनेठिया ने एक लाख, हिसार के अलंकार ज्वैलर्स के स्वामी चंद्रदाराम गुरी ने एक लाख, पूर्व आईएएस आर. एस. वर्मा ने एक लाख, हिसार के एच. आर. ज्वैलर्स के स्वामी नागरमल गुरि ने 51 हजार रुपये, रोहतास बीरथल ने 51 हजार एवं भरपाई देवी ने 51 हजार रुपये तथा अनेक अन्य दानवीरों ने आर्थिक सहयोग दिया है। इसी भांति बहुत से गणमान्य लोगों ने अलग-अलग तरह से सहयोग करके गुरुकुल आर्यनगर की बेहतरी के लिए कार्य किया है।
एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी स्वामी देवानंद सरस्वती ने 13 अप्रैल 1964 को आर्यनगर में गुरुकुल की स्थापना की थी। उस समय आर्य नगर के लाला केसर दास बत्रा ने जमीन दानस्वरूप दी। इस जमीन पर गुरुकुल का निर्माण शुरू किया गया था। वर्तमान में गुरुकुल के मानद कुलपति आचार्य रामस्वरूप शास्त्री ने 13 अप्रैल 1964 को गुरुकुल में तेरह बच्चों की पहली कक्षा ली। 56 वर्षों तक गुरुकुल की सेवा करने के उपरांत अब भी वे गुरुकुल में पूरा सहयोग करते हैं। इसी भांति मान सिंह पाठक ने दशकों तक गुरुकुल में प्राचार्य व मुख्याधिष्ठाता की भूमिका निभाई। वे भी गुरुकुल के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। विशेष बात यह है कि गुरुकुल से शिक्षित विद्यार्थी अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगारपरक कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं बहुत से विद्यार्थी अपने स्तर पर कार्य करके स्वावलंबन की अलख जगा रहे हैं। इसके साथ-साथ ये विद्यार्थी वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार में भी विशिष्ट भूमिका अदा कर रहे हैं।
खोवाल ने बताया कि इसी भांति पूर्व सांसद व गुरुकुल के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, कार्यकारी प्रधान रामकुमार आर्य, न्यास प्रधान सेठ रामरिछपाल आर्य, संरक्षक सेठ जगदीश प्रसाद आर्य, राजकुमार आर्य काठमंडी, राजेंद्र गावडिय़ा, चंद्राराम गुरी, उपप्रधान सुभाष जांगड़ा, प्रबंधक कर्नल ओमप्रकाश एडवोकेट, उपमंत्री रामफल वर्मा, मुख्याधिष्ठाता इंद्रद्रेव शास्त्री, मानद कुलपति आचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री, मानसिंह पाठक, ब्र. दीपकुमार आर्य, सत्यव्रत आर्य, जोगेश शर्मा, सुमन बत्रा, अभय बत्रा, डॉ एस के गुलाटी, डॉ संजय शर्मा,निहाल सिंह दांगी,शैलेश वर्मा, स्वेता शर्मा, डॉ मनदीप पूनिया, देवदत्त शास्त्री, रामनिवास, सत्यवान बालक, वीरेंद्र सेलवाल, प्राचार्य सुरेश कुमार शास्त्री व अधिष्ठाता रमेश कुमार शास्त्री, राकेश शर्मा, विनोद कुमार, सुनील कुमार,परमानंद, करण शर्मा सहित समस्त शिक्षक गुरुकुल के विकास के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।