26 NOV 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-न्याय, समता और बंधुता भारत के संविधान की मूल भावना हैं। भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर की अद्भुत दृष्टि, प्रखर विचार और अथक परिश्रम से निर्मित हमारा संविधान विश्व के सबसे सशक्त लोकतान्त्रिक मूल्यों का प्रतीक है। संविधान, राष्ट्र की एकता, अखंडता और प्रगति का आधार होने के साथ ही हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और अवसर भी प्रदान करता है। इसी भाव के साथ बुधवार को लघु सचिवालय में अधिकारियों/कर्मचारियों ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।
राष्ट्रीय संविधान दिवस के उपलक्ष्य पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व के सबसे विस्तृत और सुदृढ़ संविधानों में से एक है। संविधान सिर्फ एक कानून की किताब नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की आत्मा है। इसमें निहित मूल्यों को अपनाना हमारा नैतिक दायित्व है। नागरिक तभी सशक्त बनते हैं जब वे अपने अधिकारों को जानने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी निभाते हैं।
आईटीआई में संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित :
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हिसार में बुधवार को संविधान दिवस बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर व स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए तथा उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर की गई।
यह जानकारी देते हुए वर्ग अनुदेशक ललित कुमार ने बताया कि संस्थान के अधिकारियों, प्रशिक्षकगण और प्रशिक्षुओं ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया तथा तिरंगा झंडा फहराया। कार्यक्रम के दौरान संविधान में निहित मूल्यों न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व को जीवन में अपनाने पर जोर दिया गया। उन्होंने प्रशिक्षुओं को भारतीय लोकतंत्र की शक्ति, नागरिक कर्तव्यों व संविधान के महत्व बारे विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान संस्थान में भाषण प्रतियोगिता व विचार गोष्ठी जैसी गतिविधियों का भी आयोजन किया गया, जिनमें प्रशिक्षुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को सम्मानित किया गया और राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।
इस अवसर पर संस्थान की उपप्रधानाचार्य नीरज लीखा, दीपक कटारिया, मुकेश लावट, मनोज कुमार, किस्मत, लक्ष्मण, दिनेश, अनूप, पंकज, मोनिका सहित संस्थान का स्टाफ एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे।

