08 DEC 2025
न्यूज़ नगरी
रिपोर्टर-काजल
हिसार-आध्यात्मिक गीता-ज्ञान प्रचारिणी सभा के तत्वाधान में रामपुरा मौहल्ला स्थित गीता भवन में मनाए जा रहे 76वें गीता जयंती महोत्सव के आठवें व अंतिम दिन आयोजित भजन-सत्संग के कार्यक्रम में बोलते हुए हरिद्वार से आये महामंडलेश्वर स्वामी अमिता भारती ने कहा कि भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं कि मुझे वो भक्त बहुत प्रिय है, जिसको कोई इच्छा नहीं। मन से पवित्र हो, दुनियादारी से दूर हो, उसे किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं सताती। कोई निंदा करे या प्रशंसा करे, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। मित्र हो चाहे शत्रु, उसे कोई अंतर नहीं लगता। जब भगवान कृष्ण अर्जुन को गीता का ज्ञान दे रहे थे तो अर्जुन ने कह दिया कि मुझे दोनों पसंद हैं तेरी धूप और छांव, दाता कहीं भी ले चल मेरी जिंदगी की नाव। उन्होंने भजन तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे कांटों से भी प्यार.. .. गाकर श्रद्धालुओं को आनंदित कर दिया। महोत्सव में अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता राम निरमोही व अंतर्राष्ट्रीय मानस व्यास पं. पतंजलि पाण्डेय रामायणी ने भी गीताजी पर प्रकाश डालते हुए गीता को घर-घर पढ़े जाने पर जोर दिया। त्रिभुवन बक्शी ने उपदेश के साथ भजनों की वर्षा करके समां बांध दिया। भजन गायक सुमित मित्तल, जितेश राखा लक्की व राधिका शर्मा ने भी भजन गाये।
इस अवसर पर सभा की प्रधान ऊषा बक्शी, उपप्रधान कृष्ण कुमार, सचिव कृष्ण शर्मा, कोषाध्यक्ष धर्मबीर ग्रोवर, गंगाधर पाल, आदेश भुटानी, रामशरण भुटानी, नंदलाल धमीजा, किशनलाल बागड़ी, कुलदीप चोपड़ा, विपिन भंडारी, श्रवण असीजा, प्रवीन, सुषमा भुटानी, विनोद रोहतक, सुरेश नागपाल, अनिता नागपाल, सुषमा धमीजा, सुशीला देवी, स्नेह बंसल, राज रानी गुप्ता, मीनू चौधरी, सुषमा जिंदल आदि भी उपस्थित रहे। प्रधान ऊषा बक्शी ने बताया कि महोत्सव के समापन पर सभी महानुभावों का अभिनंदन किया गया।

