हनुमान मंदिर, नागोरी गेट में नानी बाई रो मायरा का तीसरा दिन कलियुग में केवल भगवान के नाम का ही सहारा : संत गोपीराम

 

17 Apr 2025 

न्यूज़ नगरी 

रिपोर्टर-काजल 

हिसार-सनातन धर्म हनुमान मंदिर, नागोरी गेट में मनाये जा रहे हनुमान जयंती महोत्सव के तीसरे दिन आज नानी बाई रो मायरा का पाठ करते हुए वृन्दावन से पधारे संत गोपीराम महाराज ने कहा कि नानी बाई रो मायरो नरसी मेहता और उनकी बेटी नानी बाई की कहानी है, जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अटूट भक्ति और भगवान की कृपा को दर्शाती है। यह कथा मायरा (मामा अपनी बहन को भात भरने) की रस्म के दौरान होती है, जब नरसी के पास अपनी बेटी के विवाह के लिए कुछ नहीं होता है। नरसी मेहता एक गरीब और निष्ठावान भक्त थे। उनकी बेटी नानी बाई का विवाह तय होता है, लेकिन नरसी के पास मायरा भरने के लिए धन नहीं होता है। वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मदद मांगते हैं, लेकिन कोई भी मदद करने के लिए तैयार नहीं होता है। वह भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करते हैं और भगवान उनकी प्रार्थना सुन लेते हैं। भगवान श्रीकृष्ण नरसी के घर आते हैं और उन्हें मायरा भरने के लिए धन देते हैं। भगवान श्रीकृष्ण नानी बाई के विवाह में भी शामिल होते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने प्रवचन देते हुए कहा कि कलियुग में केवल भगवान के नाम का ही सहारा होना चाहिए, सतयुग में, त्रेता में, द्वापर में जो लाभ खूब तपस्या योग करने से जो फल प्राप्त नहीं होता, वह कलियुग में भगवान का नाम लेने से प्राप्त हो जाता है। भगवान के नाम का सहारा कलियुग में हर बंधन से मुक्त करने वाला है। कलियुग में और कोई साधन नहीं है, इसलिए सबको भगवन नाम जप में लग जाना चाहिए।

ट्रस्ट के प्रधान कैलाश चौधरी एडवोकेट, सचिव मधुसूदन गुप्ता व महोत्सव संयोजक शिव कुमार मित्तल एडवोकेट ने बताया कि 17 अप्रैल को सायं 3:30 बजे से सायं 6:30 बजे तक संगीतमय नानी बाई का मायरा का पाठ किया जाएगा। उन्होंने सभी नगर वासियों से हनुमान जयंती महोत्सव में बढ़ चढकऱ भाग लेने का अनुरोध किया है। 

https://www.newsnagri.in/2025/04/A-memorandum-was-submitted-to-the-Chief-Minister-regarding-the-recognition-of-Electro-Homeopathy.html

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